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Gaziabad स्लॉटर हाउस में काम कर रहे 57 नाबालिगों को मुक्त कराया

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उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग से शिकायत होने पर  डासना स्थित स्लॉटर हाउस में श्रम करने को मजबूर 57 नाबालिगों को मुक्त करा दिया गया. इनमें  लड़कियां और 26 लड़के शामिल हैं. नाबालिगों बाल गृह में भेज दिया गया. अधिकतर किशोर पश्चिम बंगाल और बिहार के रहने वाले हैं. इस मामले में पुलिस ने स्लॉटर हाउस मालिक समेत पांच पर केस दर्ज किया है. पुलिस जांच कर रही है.

राष्टीय बाल संरक्षण आयोग के अनुसार, सूचना मिली थी कि डासना में इंटरनेशनल एग्रो फूड्स में बच्चों और किशोरों से जबरन बालश्रम करवाया जा रहा है. आयोग ने जिला प्रोबेशन अधिकारी मनोज कुमार पुष्कर को पत्र लिखकर सूचना दी, जिसके बाद कार्रवाई के लिए टीम का गठन किया गया. टीम में एडीसीपी क्राइम सच्चिनानंद, श्रम विभाग, उप जिलाधिकारी, मुक्ति फांउडेशन, सहायक पुलिस आयुक्त मसूरी नरेश कुमार, एएचटीयू थाना प्रभारी तरुणा सिंह, चाइल्ड लाइन की टीम को शामिल किया गया. टीम  सुबह 11 बजे स्लॉटर हाउस पहुंची तो नाबालिग अमानवीय तरीके से काम करते मिले. तकरीबन पांच घंटे तक टीम ने स्लॉटर हाउस का गहन निरीक्षण किया और शाम चार बजे तक 57 बच्चों को यहां से मुक्त कराया. इस कंपनी पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

परिजनों की तलाश शुरू : स्लॉटर हाउस से मुक्त कराए गए बच्चों और किशोरों के माता पिता और स्थायी पते की जानकारी ली गई. बच्चों के परिजनों से संपर्क किया जा रहा. बच्चों से जानकारी ली गई कि क्या वह अपने मर्जी से स्लॉटर हाउस में काम करने आए थे या फिर जबरन बंधक बनाकर उनसे काम करवाया जा रहा था. बच्चों से जानकारी लेने के बाद बाल विकास समिति ने बच्चों को अलग-अलग बाल सुधार गृह में भेज दिया. परिजन नहीं मिलने तक बच्चे यहीं रहेंगे और बाल कल्याण समिति देखभाल करेगी.

 

 

गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क

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