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Gaya  मध्याह्न भोजन में थाली की कमी अब नहीं होगी

सात्विक भोजन बनाएं छठ पूजा के दिन सुबह सबसे पहले स्नान किया जाता है और सात्विक भोजन बनाया जाता है। इस दिन लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं किया जाता है। छठ से एक दिन पहले तामसिक भोजन और प्याज लहसुन न खाएं।
 

बिहार न्यूज़ डेस्क स्कूलों में हर बच्चे को मध्याह्न भोजन के लिए थाली मिले, इसके लिए मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय ने प्रयास शुरू कर दिया है. निदेशालय ने स्कूलों में बच्चों की संख्या के अनुसार थाली उपलब्ध करवाने के लिए टेंडर निकाला है.
इस बाबत मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही एजेंसी का चयन किया जाएगा. इसके बाद संबंधित एजेंसी के माध्यम से राज्यभर के सभी स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए थाली उपलब्ध करवाया जाएगा.
. इसमें बताया गया कि था किस तरह स्कूल में मध्याह्न भोजन के दौरान स्कूली बच्चों को परेशानी से दो चार होना पड़ता है. कई बच्चे तो प्लासटिक की कटोरी में माध्याह्न भोजन खाने को मजबूर होते हैां 


मालूम हो कि राज्यभर के प्राथमिक और मध्य विद्यालय में बच्चों को हर दिन मध्याह्न भोजन दिया जाता है, लेकिन 13 के बाद से राज्यभर के स्कूलों में थाली नहीं खरीदी गई है. इससे स्कूल प्रशासन को काफी दिक्कत होती है. दूसरी तरफ हर साल नामांकन की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में राज्य के आधे से अधिक विद्यालयों में थाली की कमी हो गयी है. नामांकन के आधे से अधिक बच्चों को ही थाली में खाना मिल पाता है. बाकी बच्चे थाली का इंतजार करते हैं. इससे पठन-पाठन पर भी असर होता है.


गया न्यूज़ डेस्क 
 

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