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Gaya  विश्वविद्यालय और कॉलेजों में संचालित होंगे केवल दो खाते

Gaya  विश्वविद्यालय और कॉलेजों में संचालित होंगे केवल दो खाते
 

बिहार न्यूज़ डेस्क विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में अब केवल दो बैंक खाते ही संचालित होंगे. पहला खाता वेतन-पेंशनादि के नाम से जाना जाएगा और दूसरा खाता कॉर्पस फंड के नाम से जाना जाएगा. ये दोनों खाते विवि व कॉलेजों के कोष का हिस्सा होंगे. राज्य के विश्वविद्यालयों में वित्तीय प्रशासन एवं वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने को लेकर शिक्षा विभाग ने यह निर्देश जारी किया है.

शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भेजे पत्र में वित्तीय प्रशासन एवं पारदर्शिता को लेकर बिंदुवार स्थिति स्पष्ट कर दी है. वेतन एवं पेंशन खाते में राज्य सरकार से प्राप्त वेतन एवं पेंशन से संबंधित सभी राशि एवं उससे उत्पन्न सूद की राशि संचित होगी. इस राशि का व्यय केवल वेतन एवं पेंशन मद में ही किया जाएगा. कॉर्पस फंड में पंजीयन एवं परीक्षा संचालन से संबंधित आंतरिक एवं बाह्य राशि के साथ ही छात्रों से लिया जाने वाला नामांकन शुल्क, पुनर्नामांकन शुल्क, सीएलसी, टीसी एवं लगाये जाने वाले अन्य शुल्क की राशि जमा होगी.
केंद्र सरकार, यूजीसी, राज्य सरकार से प्राप्त राशि, विद्यार्थियों से प्राप्त विविध मद जैसे लैब शुल्क, कॉलेज विकास शुल्क, खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, एनसीसी, कॉलेज मैगजीन, स्वचालन शुल्क, सभी व्यावसायिक, स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के लिए ली गई राशि, रिसर्च आदि से संबंधित विश्वविद्यालय संस्थाननों एवं अन्य सभी स्रोतों से प्राप्त राशि भी कॉर्पस फंड के खाते में ही जमा होगी.
कॉर्पस फंड में जमा राशि परीक्षा संचालन से संबंधित व्यय, नामांकन, पुनर्नामांकन, कॉलेज या विवि छोड़ने से संबंधित अभिलेखों के कार्य आदि में खर्च होंगे. इसके अलावा प्रयोगशाला, विवि एवं कॉलेज विकास, असैनिक संरचना निर्माण, भवनों के जीर्णोद्धार, खेल मैदान, स्टेडियम, सह पाठ्यचर्या कार्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद, एनसीसी, एनएसएस, छात्र उन्मुखीकरण, मैगजीन प्रकाशन, स्वचालन आदि पर व्यय, कंप्यूटर क्रय, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, स्मार्ट स्क्रीन, कंप्यूटर लैब, फर्नीचर आदि पर कार्पस फंड की राशि से व्यय किया जाएगा.


गया न्यूज़ डेस्क 

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