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Gaya  विज्ञान के दुरुपयोग से पर्यावरणीय समस्याएं बढ़ीं

पर्यावरणीय
 

बिहार न्यूज़ डेस्क  विज्ञान के सारे आविष्कार मानव सहित सभी जीवों के कल्याण के लिए ही होते हैं. मानव के लोभ के कारण उसका दुरुपयोग कर पर्यावरणीय समस्या उत्पन्न की जा रही हैं. इससे पृथ्वी पर जीवन संकटग्रस्त हो गया है. वैज्ञानिक आविष्कारों के विवेकपूर्ण उपयोग से पर्यावरण संकट को कम किया जा सकता है.
दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में पर्यावरण संरक्षण के लिए तकनीकी आविष्कार विषय पर आयोजित कार्यशाला में लनामिवि के विज्ञान संकायाध्यक्ष सह डब्ल्यूआईटी के निदेशक प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा ने ये बातें कही. पर्यावरण संरक्षण के लिए तकनीकी समाधान विषय पर व्याख्यान देते हुए प्रो. मिश्रा ने कहा कि वैज्ञानिकों ने भी अपने स्तर से पर्यावरण संरक्षण के लिए नये-नये आविष्कार शुरू कर दिये हैं. कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कोयला, पेट्रोल, डीजल, केरोसिन तेल के बदले वैकल्पिक उर्जा स्रोतों जैसे सौर उर्जा, हाइड्रोजन उर्जा, पवन उर्जा आदि की खोज की गई.

उन्होंने कहा कि कचरे से खाद बनायी जा रही है. ऊर्जा खपत कम करने के लिए मशीनों की दक्षता कई गुणा बढ़ा दी गई है. विद्युत चालित वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है. प्रो. मिश्रा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है. जिस प्रकार शरीर की रक्षा के लिए वस्त्रत्त्, परिवार और संपत्ति की रक्षा के लिए घर आवश्यक है, वैसे ही पृथ्वी पर जीवन की रक्षा के लिए पर्यावरण आवश्यक है. कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों से प्रो. मिश्रा ने कहा कि आप श्रष्टा हैं. ऐसी तकनीक का आविष्कार करें जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल सके.
प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. रामबाबू खेतान ने कहा कि नई तकनीकी उन्नतियों के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्टता की दिशा में कई संभावनाएं हैं. वाटर रिटेंशन मॉडल क्रिएटर महेश झा ने वाटर रिटेंशन सॉल्यूशन मॉडल पर व्याख्यान देते हुए जल संग्रहण पर विस्तार से चर्चा की. मिन्स के निदेशक जीतेन्द्र कुमार मिश्रा ने मानव जीवन में पौधों के महत्व के बारे में बताया और कहा कि हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने बताया कि पौधरोपण से हम सिर्फ अपने जीवन को ही नहीं, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी सुरक्षा को भी सुनिश्चित कर सकते हैं.
कार्यशाला में अतिथियों का स्वागत डीसीई के प्रधानाचार्य डॉ. संदीप तिवारी ने किया. कार्यशाला में छात्र-छात्राओं के बीच क्विज का आयोजन भी किया गया. इसमें तृतीय सेमेस्टर की छात्रा नंदिनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. कार्यशाला में डीसीई के सभी शिक्षक, कर्मी व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.


गया न्यूज़ डेस्क 
 

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