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Gaya  अब 9 हजार अधिक हेक्टेयर भूमि पर होगी खरीफ, गया जिले में पहली बार खरीफ अच्छादन क्षेत्र बढ़ा, इस वर्ष 2 लाख 4 हजार 979 हेक्टेयर भूमि पर होगी खरीफ की खेती
 

भूमि


बिहार न्यूज़ डेस्क गया को आमतौर पर सूखा क्षेत्र माना जाता है. नहर की कमी के कारण खेती पूरी तरह बारिश पर ही आश्रित है. लेकिन हाल के दिनों में बिजली और सिंचाई की सुविधा बढ़ी है. जल जीवन हरियाली योजना का लाभ दिखने लगा है. इसका असर है कि गया में पहली बार खरीफ आच्छादन क्षेत्र बढ़ने जा रहा है. इस साल 9 हजार हेक्टयर अधिक भूमि पर खरीफ खेती होने जा रही है.
बढ़ेगा अच्छादन क्षेत्र पूरे गया जिले में पिछले साल एक लाख 95 हजार 735 हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की खेती हुई थी. लेकिन इस साल दो लाख 4 हजार 979 हेक्टेयर भूमि पर खेती होने जा रही है. जिले को कृषि विभाग की ओर से लक्ष्य मिल गया है और इसको लेकर तैयारी शुरू हो गई है. धान के साथ-साथ अरहर, मकई, मड़ुआ आदि की खेती होगी. इसमें अकेले धान की खेती एक लाख 90 हजार 187 हेक्टेयर में होगी. यह आंकड़ा भी पिछले साल से अधिक है. वर्ष 2022 में गया जिले में कुल एक लाख 81 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हुई थी. इस तरह 8 हजार 300 हेक्टेयर ज्यादा भूमि पर इस बार धान की खेती होने जा रही है. सबसे अधिक कोंच, टिकारी,वजीरगंज में धान की खेती होगी.
बिजली बनी वरदान, सिंचाई सुविधाएं बढ़ी

बिहार में एक तरह से बिजली के क्षेत्र में क्रांति आयी है. लगभग हर गांव तक बिजली पहुंच गई है और इसका शानदार असर दिख रहा है खेती क्षेत्र में . खासकर धान की खेती बढने का एक बड़ा कारण बिजली को भी बताया जा रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो कहते हैं कि एक एकड़ धान की खेती में बिजली का खर्च अधिकतम 40- 50 रुपये तक हो सकता है, जबकि डीजल खर्च 800 से 1000 रुपये तक हो जाता है. ऐसे में बिजली किसानों के लिए वरदान बन गई है और गांव-गांव में बिजली मोटर चल रहा है. यहीं कारण है कि इस बार धान की खेती अधिक होने जा रही है. दूसरी तरह सरकार द्वारा चलायी जा रही है जल, जीवन हरियाली योजना का साकारात्मक असर दिख रहा है. आहर, पईन, नहर का जीर्णोद्धार बड़े पैमाने पर हुआ है, जिसके कारण अब खेती आसान हो रही है. खासकर गया क्षेत्र में के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है.
यहां होगी धान की सबसे ज्यादा खेती
1. कोंच- 13304 हेक्टेयर
2. वजीरगंज-12394 हेक्टेयर
3. टिकारी- 12337 हेक्टेयर
4. बोधगया- 11649 हेक्टेयर
5. बेलागंज- 10846 हेक्टेयर
इस साल धान का उत्पादन भी अधिक होने की संभावना
कृषि विभाग का अनुमान है कि धान की खेती बढ़ने के कारण उत्पादन भी बढ़ेगा. अनुमान है कि प्रति हेक्टेयर 35.10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर धान का उत्पादन होगा. इस तरह कुल भूमि एक लाख 90 हजार 187 हेक्टेयर पर लगभग 667554.97 मिट्रिक टन धान का उत्पादन हो सकता है. इसी तरह इस बार मोटे अनाज की खेती पर भी विशेष जोर रहेगा. खासकर मकई, मड़आ की खेती को लेकर विशेष तैयारी हो रही है. किसानों को अनुदानित दर पर बीज दिया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक मोटे अनाज की खेती हो.
बिजली और जल, जीवन हरियाली योजना गया क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो रही है. इस बार धान सहित पूरे खरीफ की खेती ज्यादा होने जा रही है और इसका बड़ा कारण है गांव-गांव बिजली का पहुंचना और जल, जीवन, हरियाली योजना का सफल होना. इसके कारण सिंचाई सुविधा बढ़ गई है. खेती की लागत भी घटेगी और उत्पादन भी अच्छा होगा. -सुदामा महतो, जिला कृषि पदाधिकारी, गया


गया न्यूज़ डेस्क 
 

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