Gaya फोन पर मरीजों को सलाह देने में बिहार सबसे आगे, अस्पताल सलाह देने में और तेजी लाएं

बिहार न्यूज़ डेस्क फोन पर मरीजों को सलाह देने में बिहार ने बाजी मारी है. बीते 17 मई को देश में सबसे अधिक बिहार के लोगों ने फोन पर चिकित्सकों से जरूरी सलाह ली. स्वास्थ्य विभाग की कोशिश है कि टेलीमेडिसीन के मामले में भी बिहार देश में नंबर वन बने. अभी टेलीमेडिसीन के मामले में समग्रता में बिहार देश में तीसरे पायदान पर है.
टेलीमेडिसीन की शुरुआत 21 फरवरी 2021 को हुई थी. इस महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. उस समय सेवा शुरू होने पर बिहार देश में 28वें पायदान पर था. इसमें सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे थे. हर रोज इसकी निगरानी की जा रही थी. इसी क्रम में इस वर्ष बिहार में 13 फरवरी को ई-संजीवनी 2.0 सॉफ्टवेयर लॉन्च हुआ. इस कारण लोगों को फोन पर सलाह लेने में कम समय लगने लगा. प्रतीक्षा समय कम होने के कारण लोगों का आकर्षण इस सेवा के प्रति बढ़ा. इसका परिणाम यह हुआ कि पांच अप्रैल को 52 हजार 521 लोगों ने फोन पर सलाह ली. 19 अप्रैल को इससे अधिक 56 हजार 195 लोगों ने फोन पर सलाह ली. तीन मई को यह आंकड़ा भी पार कर गया और 77 हजार 275 लोगों ने फोन पर चिकित्सकों से सलाह लिए.
इसी क्रम में विभाग ने तय किया हर महीने के पहले व तीसरे टेलीमेडिसीन में विशेष अभियान चलाया जाए. इसका परिणाम यह हुआ कि विगत 10 महीने में देश में एक दिन में सबसे अधिक 97 हजार 159 लोगों ने 17 मई को बिहार में फोन पर जरूरी चिकित्सीय सलाह ली. यह आंकड़ा देश में सबसे अधिक है और यह अब तक का रिकॉर्ड है. इस परिणाम से उत्साहित विभाग ने कुछ और निर्णय लिए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की.
बैठक में कहा कि कुछ इलाकों में इंटरनेट की चुनौती है. इसका समाधान किया जाए. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा पदाधिकारियों के ड्यूटी रोस्टर को अविलंब लागू किया जाएगा. जल्द ही स्वास्थ्य उपकेंद्रों में टेली कंसलटेशन के बाद प्रिंटर के माध्यम से पुर्जा भी दिया जाने लगेगा. इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों में पॉश मशीन लगाई जाएंगी.
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