उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क अनुयायी साध्वियों के यौन शोषण, गैंगरेप के आरोपित कथित बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद पर दर्ज चार मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम प्रमोद कुमार गिरि की अदालत में पत्रावली पेश हुई. जिसमें एक पत्रावली में जिरह होना था. लंच के पहले व बाद में किसी के उपस्थित नहीं होने कारण जिरह नहीं हो पाई. जबकि पीड़िता साक्षी सुबह से उपस्थित थी. कोर्ट ने इसे घोर आपत्तिजनक मनाते हुए हाईकोर्ट से पारित आदेश की अवहेलना माना.
अभियुक्त सच्चिदानंद, उर्मिला बाई, प्रमिला बाई कमला बाई व महन्थू उर्फ ध्यान बाई का गैरहाजिरी माफी प्रार्थना-पत्र निरस्त कर दिया और गैर जमानती वारंट जारी करते हुए हाजिर करने के लिए तारीख नियत किया है. बता दें कि दो मामले में पीड़िता का बयान हो चुका है. एक फाइल में बचाव पक्ष के अधिवक्ता की जिरह समाप्त हो चुकी है. पत्रावली लंच के पहले और लंच के बाद पेश हुई, केवल साक्षी सुबह से ही कोर्ट में उपस्थिति थी. अभियुक्तों की ओर से हाजिरी माफी प्रार्थना-पत्र दी गई थी. बार-बार पुकार होने के बावजूद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ, जिसे कोर्ट ने घोर आपत्तिजनक माना. कोर्ट ने पूर्व तिथि पर साक्षी से अविलंब जिरह समाप्त किए जाने का आदेश पारित किया था. फिर भी अभियुक्त की तरफ से अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुए.
आरोपित बाबा के विरुद्ध स्थानीय कोतवाली में सामूहिक दुष्कर्म, बंधक बनाने, भगोड़ा होने सहित अन्य धाराओं में कुल चार मुकदमे दर्ज है.
फैजाबाद न्यूज़ डेस्क