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Faizabad सच्चिदानंद समेत चार के खिलाफ एनबीडब्ल्यू

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दर्ज मामले में गैंगस्टर दीपक पहल उर्फ बॉक्सर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की चार्जशीट पर संज्ञान लिया है।  पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त को तय की है। अदालत ने 11 जुलाई को बॉक्सर के खिलाफ मामले में जांच की अवधि 90 दिनों से अधिक बढ़ाने से इनकार कर दिया था। बॉक्सर को 9 दिसंबर 2020 को अपराधी घोषित किया गया था।  बॉक्सर को मैक्सिको से निर्वासन के बाद 15 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की पांच सदस्यीय टीम एफबीआई की मदद से मैक्सिको में गैंगस्टर को पकड़ने के बाद भारत लेकर आई थी। टीम मैक्सिको से बॉक्सर को लेकर दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरी थी।    पुलिस ने कहा कि हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला बॉक्सर हत्या, हत्या के प्रयास और मकोका सहित 10 आपराधिक मामलों में वांछित था। रोहिणी कोर्ट में अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा गोगी की हत्या के बाद बॉक्सर जितेंद्र गोगी गिरोह को भी संभाल रहा था। वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों के भी संपर्क में था।  पुलिस ने कहा कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को बॉक्सर के स्थान के बारे में सूचना मिली थी इसके बाद एक ऑपरेशन शुरू किया गया था। सूत्रों ने बताया कि कोलकाता एयरपोर्ट से विदेश भागने से पहले उसने उत्तर प्रदेश के बरेली से रवि अंतिल के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था। अधिकारियों ने उसे मैक्सिकन समुद्र तटीय शहर कैंकम में खोजा था।

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  अनुयायी साध्वियों के यौन शोषण, गैंगरेप के आरोपित कथित बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद पर दर्ज चार मामलों में  फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम प्रमोद कुमार गिरि की अदालत में पत्रावली पेश हुई. जिसमें एक पत्रावली में जिरह होना था. लंच के पहले व बाद में किसी के उपस्थित नहीं होने कारण जिरह नहीं हो पाई. जबकि पीड़िता साक्षी सुबह से उपस्थित थी. कोर्ट ने इसे घोर आपत्तिजनक मनाते हुए हाईकोर्ट से पारित आदेश की अवहेलना माना.

अभियुक्त सच्चिदानंद, उर्मिला बाई, प्रमिला बाई कमला बाई व महन्थू उर्फ ध्यान बाई का गैरहाजिरी माफी प्रार्थना-पत्र निरस्त कर दिया और गैर जमानती वारंट जारी करते हुए हाजिर करने के लिए तारीख नियत किया है. बता दें कि दो मामले में पीड़िता का बयान हो चुका है. एक फाइल में बचाव पक्ष के अधिवक्ता की जिरह समाप्त हो चुकी है.  पत्रावली लंच के पहले और लंच के बाद पेश हुई, केवल साक्षी सुबह से ही कोर्ट में उपस्थिति थी. अभियुक्तों की ओर से हाजिरी माफी प्रार्थना-पत्र दी गई थी. बार-बार पुकार होने के बावजूद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ, जिसे कोर्ट ने घोर आपत्तिजनक माना. कोर्ट ने पूर्व तिथि पर साक्षी से अविलंब जिरह समाप्त किए जाने का आदेश पारित किया था. फिर भी अभियुक्त की तरफ से अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुए.

आरोपित बाबा के विरुद्ध स्थानीय कोतवाली में सामूहिक दुष्कर्म, बंधक बनाने, भगोड़ा होने सहित अन्य धाराओं में कुल चार मुकदमे दर्ज है.

 

 

फैजाबाद न्यूज़ डेस्क

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