
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क वैष्णव नगरी अयोध्या में उत्सव की दृष्टि से ज्येष्ठ मास का शुक्ल पक्ष बहुत महत्वपूर्ण है. भीषण गर्मी के मौसम में आयोजित होने वाले इस उत्सव में अलग-अलग मंदिरों में विराजमान भगवान के आनंद एवं मुखोल्लास के साथ उन्हें शीतलता की अनुभूति कराने के लिए आचार्यों ने फूल बंगला के आयोजन की परम्परा शुरू की थी, वह आज भी कायम है. इसी परम्परा में श्रीरामजन्म भूमि सहित हनुमानगढ़ी व कनक भवन में ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया के पर्व पर को फूल बंगले की झांकी सजाई जाएगी.
वृंदावन के संत एवं चतु सम्प्रदाय के अध्यक्ष महंत बलराम शरण महाराज के संयोजकत्व एवं श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज की अध्यक्षता में हर साल आयोजित होने वाले इस उत्सव में सायं झांकी का अनावरण किया जाएगा और इसी के साथ भगवान का भव्य श्रृंगार कर आरती उतारी जाएगी. इसी तरह से श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज के 85 वें जन्मोत्सव के अवसर पर 26 म ई से रामकथा के साथ उत्सव का श्रीगणेश हो जाएगा. इस उत्सव का मुख्य पर्व दो जून को मनाया जाएगा और इसी उपलक्ष्य में मंदिर में विराजमान भगवान के फेर बंगले की झांकी सजाने के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इसके पहले वयोवृद्ध संत के जन्मोत्सव पर उनका पूजन शिष्य परंपरा के संत व श्रद्धालुजन करेंगे. इसी मौके पर संत सम्मेलन का भी आयोजन होगा जिसमें देश भर के संतों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रित किया गया है. फिलहाल अभी मुख्यमंत्री कार्यालय से उनका अधिकृत कार्यक्रम नहीं आया है.
गंगा दशहरा का पर्व 30 मई को मनाया जाएगा
ज्येष्ठ शुक्ल दशमी का पर्व गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व को लेकर मान्यता है कि महाराज भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर देवी गंगा इसी तिथि पर भगवान शिव की जटाओं से निकल कर धरा धाम पर अवतरित हुई और उन्होंने राजा सगर के साठ हजार पुत्रों का उद्धार किया. कहा जाता है कि यह सभी कपिल मुनि के श्राप से भस्म हो गये थे. इस पर्व पर सरयू तट पर देवी मां की झांकी सजाए जाने के साथ महाआरती का आयोजन किया जाता है.
फैजाबाद न्यूज़ डेस्क