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Faizabad जल्द ही राम नगरी में खूबसूरती की मिसाल बनेंगे दो और नए पथ

भारत का पूर्वी भाग हमेशा से ही देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां स्थित मनमोहक घाटियां, झरने, तालाब, ऊंचे पहाड़, घास के मैदान और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को यहां आने के लिए मजबूर करती है।  पूर्वी भारत में स्थित असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर या मिजोरम राज्यों में कई खूबसूरत और मनमोहक स्थान हैं, जिन्हें देखने के लिए हर दिन हजारों घरेलू और विदेशी पर्यटक आते हैं।  इस आर्टिकल में हम आपको पूर्वी भारत की कुछ ऐसी अद्भुत जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें साल 2023 में पर्यटकों ने सबसे ज्यादा पसंद किया। नए साल में आप भी इन जगहों पर घूमने का प्लान बना सकते हैं. यहां आकर आपका मन संतुष्ट हो जाएगा।  शिलांग  जब पूर्वी भारत की सबसे खूबसूरत जगह की बात आती है तो शिलांग का नाम जरूर शामिल किया जाता है। मेघालय की राजधानी होने के कारण यहां पर्यटक भी बड़ी संख्या में घूमने आते हैं।  समुद्र तल से करीब 2 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित शिलांग खूबसूरती का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसे पूर्वी भारत का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है। इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है।  तवांग (तवांग के दर्शनीय स्थल) तवांग न केवल पूर्वी भारत का, बल्कि पूरे देश का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। तवांग को अरुणाचल प्रदेश का हीरा माना जाता है। इस शहर की खूबसूरती इतनी लोकप्रिय है कि विदेशी पर्यटक भी यहां आते हैं।  तवांग अपने धार्मिक महत्व के साथ-साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण एक पसंदीदा पर्यटन स्थल है। ऊंचे पहाड़, झीलें-झरने और मनमोहक हरियाली इस जगह की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं।  दार्जिलिंग  दार्जिलिंग पूर्वी भारत में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है। यह खूबसूरत शहर पश्चिम बंगाल में मौजूद है। हिमालय की गोद में स्थित दार्जिलिंग को पूर्वी भारत का खजाना माना जाता है।  समुद्र तल से 2 हजार मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित दार्जिलिंग बांग्लादेश, भूटान और नेपाल की सीमाओं से सटा हुआ है। यह शहर पवित्र मठों और अद्भुत हिमालय की चोटियों से घिरा हुआ है। यहां के चार बगीचे पूरी दुनिया में मशहूर हैं।  पेलिंग  सिक्किम की खूबसूरती के बारे में लगभग हर कोई जानता है। यहां स्थित कई जगहें लाखों पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। पेलिंग भी सिक्किम की एक ऐसी जगह है, जहां जाने का सपना हर कोई देखता है।  ऊंचे पहाड़, घास के मैदान, झीलें और झरने और अद्भुत दृश्य पेलिंग की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। पेलिंग को एक आकर्षक हिल स्टेशन भी माना जाता है।

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  राम धाम में जल्द ही पथों की शृंखला में क्षीर सागर और अवध आगमन पथ के नाम जुड़ जाएंगे. लगभग साढे़ आठ करोड़ से बनने वाले यह दोनों पथ अयोध्या धाम जंक्शन से निकलते ही श्रद्धालुओं को दिखाई देंगे. अत्याधुनिक स्टेशन के स्तर को देखते हुए पथों का निर्माण लोक निर्माण विभाग कर रहा है. जिसमें गुणवत्ता, खूबसूरती और हरियाली को प्राथमिकता में रखा गया है.

राम पथ, धर्मपथ, भक्ति पथ, राम जन्मभूमि पथ के बाद अब दो और पथों का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है. आने वाले में यह पथ अयोध्या स्टेशन परिसर के बाहर निकलते ही दिखाई देंगे. दोनों पथ एक दूसरे को जोड़ते हुए बन रहे हैं. यात्री इन पथों से निकलते हुए रामपथ तक पहुचेंगे. क्षीर सागर पथ को भक्ति पथ की तरह सीमेंट की सीसी रोड तो वहीं दूसरी तरफ अवध आगमन पथ को डामर से बनाया जा रहा है. अन्य पथों की तरह यहां भी 2.7 मीटर के फुटपाथ बनाए जाएंगे. जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना न करना पड़े. विभाग के सूत्रों की माने तो जल्दबाजी में पिछले पथों के निर्माण कार्य जल्दबाजी में हुआ था जिससे काफी संख्या में पेड़ काट दिए गए थे. जिसका खामिया श्रद्धालुओं और आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है. गर्मी के दिनों में छांव की तलाश में लोग दर -दर भटकते देखे गए. श्रद्धालुओं को धूप से बचाने के लिए जिला प्रशासन को अस्थाई व्यवस्था तक करना पड़ा. इसलिए इस बार अवध आगमन पथ पर पहले से मौजूद पेड़ों को काटा नहीं गया है.

साथ ही मार्ग के बीच में पेड़ और रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधों को लगाने के लिए जगह छोड़ी गई है. विभाग के लोगों की माने तो यह दोनों पथ निर्माण के बाद अन्य बन चुके पथों से ज्यादा सुंदर और आकर्षक दिखेंगे. विभाग का दावा है कि दीपोत्सव के पहले दोनों पथों के निर्माण का कार्य पूर्ण हो जाएगा. कार्य को तेज गति से करने के लिए विभाग ने दो तारीख से लेकर 20 तारीख तक मार्ग पर आवागमन को पूर्ण रूप से बंद कर दिया है.

अधिक से अधिक पेड़ बचाते हुए मार्गों का निर्माण कराया जा रहा है. सड़क के बीचो-बीच पेड़ों के साथ खूबसूरत फूलों वाले पौधे लगाए जाएंगे. दोनों मार्ग स्टेशन के स्तर को देखते हुए बनाए जा रहे हैं. मार्ग का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश है.

- सत्य प्रकाश भारतीय, प्रांतीय खंड लोनिवि अधिशासी अभियंता

 

 

फैजाबाद न्यूज़ डेस्क

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