उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर आयोजित रामोत्सव में अयोध्या विश्व कीर्तिमान रचने का साक्षी बनने जा रही है. राजकीय तुलसी उद्यान में लोक जनजाति और संस्कृति संस्थान लखनऊ और समस्त क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों द्वारा आमंत्रित 11 प्रदेशो के 250 से भी ज़्यादा कलाकार अपनी विशिष्ट प्रस्तुतियां देकर इस कीर्तिमान को बनाएंगे.
लोक जनजाति एवम संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी ने बताया कि हमारे पौराणिक शास्त्रत्तें में देवताओं द्वारा शस्त्रत्त् पूजन की परंपरा का वर्णन है. राम ने भी वनवास जाते समय भी महर्षि अगस्त्य जी से पूजित शस्त्रत्त् लिया था. रावण युद्ध से पूर्व भी शस्त्रत्त् पूजन का उल्लेख है.
आदिकाल से लेकर महाभारत और वर्तमान में भी विजयादशमी पर शस्त्रत्त् पूजन की परंपरा है.इसी परंपरा को लोकनृत्यों ने संजोया है. हम अपनी स्मृद्ध भारतीय परंपरा को विश्व पटल पर लाने के लिए इस कला का प्रदर्शन कर रहे है.
उन्होंने बताया कि शास्त्रत्त् और शस्त्रत्त् की महत्ता को दर्शाते हुए से तक शौर्य पर्व में देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकार अपने-अपने प्रदेश के पारंपरिक लोकनृत्य जिसमें शस्त्रत्त् और शौर्य का समन्वय होता है, उन सबका शानदार प्रदर्शन करेंगे.
केरल का कलारीपत्तू, पंजाब का गतका, महाराष्ट्र का मर्दानी खेल, उत्तर प्रदेश का मल्लखंभ और आल्हा, गुजरात का तलवार रास, पश्चिम बंगाल का ढाली, रायबेंशे, छाऊ, नटुआ, मध्य प्रदेश का अखाड़ा और दिवारी,तेलंगाना का कर्रा सामू, झारखंड का पायका, मणिपुर का थांग-टा, ओडिशा का शंख वादन, तुरही, रमतुला व बिगुल वादन जैसे रोमांचक और अद्भुत लोक नृत्यों के साथ शस्त्रत्तें के साथ करतब वाले लोकनृत्यों का प्रदर्शन करके कलाकार विश्व कीर्तिमान रचने को लेकर उत्साहित है.
रामोत्सव में 14 जनवरी से अनवरत चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमो में विदेश और पूरे देश से कलाकारों ने आकर अपनी कला का प्रदर्शन किया है.
फैजाबाद न्यूज़ डेस्क