Faizabad ‘संकीर्ण राजनीति का दखल न हो’‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ के गठन का ऐलान
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में यदि संकीर्ण राजनीति का हस्तक्षेप न हो और ऐसी घटनाओं का राजनीतिकरण करके सियासी रोटी न सेंकी जाए तो आधी समस्या खुद-ब-खुद सुलझ जाएगी. क्योंकि तब कोई गुनाहगार ये नहीं सोचेगा कि वो कुछ गलत करने के बाद सत्ता का संरक्षण पाकर बच पाएगा.
अखिलेश यादव ने महिलाओं के लिए समाज में भयमुक्त वातावरण के बाबत विस्तृत बयान जारी कर इस समस्या के निराकरण को सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा कि नारी-अपराध के मुजरिम को जब ये पता होगा कि उसको बचाने वाला कोई नहीं है और उसे सख्त सजा मिलेगी तो अपराधियों का मनोबल चूर-चूर हो जाएगा. उन्होंने कहा कि नारी की गरिमा को किसी भी प्रकार जब ठेस पहुंचती है फिर वह चाहे मानसिक हो या शारीरिक, उसके पीछे सदैव कोई नकारात्मक सोच होती है. इसीलिए सुधार के लिए एक बड़ी मानसिक क्रांति की जरूरत है. जिसकी शुरुआत शिक्षा से करनी पड़ेगी, जो लड़के-लड़की के भेद को मिटाए, बराबरी का भाव लाए, इसके लिए चाहे नयी कहानियां या नयी कविताएं, नये सबक या नये पाठ लिखने पड़ें. ये प्रयास करने ही पड़ेंगे.
उन्होंने कहा कि इसके लिए नारी पर एकतरफा पाबंदी की बात भी नारी-उत्पीड़न का ही एक और रूप है.
‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ के गठन का ऐलान
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रक्षा बंधन के पर्व पर ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ के गठन का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि ये वर्तमान के संदर्भ में ‘स्त्रत्त्ी-संरक्षणीकरण’ की नवीन अवधारणा को जन-जन तक ले जाएगी. नारी को समावेशी विकास का हिस्सा बनाएगी. समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी का मतलब ‘आधी-आबादी’ की पूरी आजादी है. अखिलेश ने इस संबंध में एक पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की. उन्होंने कहा कि यह वाहिनी नारी के मुद्दों और मामलों में ‘चार दिन की चिंता’ की तरह केवल कहकर नहीं रह जाएगी, केवल औपचारिकता नहीं निभाएगी बल्कि बीते कल से सबक लेते हुए ‘वर्तमान’ को झकझोर कर सचेत बनाएगी.
फैजाबाद न्यूज़ डेस्क