Durg वर्दी में लगाया दाग: गांजा तस्करी में लिप्त जीआरपी के दो आरक्षक, एक पकड़ा गया,11 किलो गांजा के साथ आरक्षक समेत चार गिरफ्तार, फरार आरक्षक की तलाश

छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, गांजे की तस्करी में जीआरपी के जवानों की संलिप्तता फिर सामने आई है. मोहन नगर पुलिस ने राजनांदगांव जीआरपी में आरक्षक शैलेष कुमार (34 वर्ष) समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है. चारों के कब्जे से 11 किलो गांजा बरामद किया है. छापेमारी के दौरान पुलिस को दुर्ग जीआरपी में पदस्थ वसीम अहमद के बारे में जानकारी मिली. लेकिन वसीम फरार हो गया. उसकी तलाश के लिए पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है. पुलिस ने दोनों आरक्षक समेत पांच के खिलाफ एनडीपीसीएक्ट में अपराध दर्ज किया है.
सीएसपी दुर्ग बैंकर वैभव रमणलाल ने बताया कि सीएसपी स्कॉट टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि सूर्या होटल के पीछे एक पीपल पेड़ के नीचे कुछ युवक गांजा बेच रहे हैं. सूचना की तस्दीक करने के लिए एक टीम मौके पर पहुंची. मुखबिर के बताए हुलिए वाले कुछ लोग मिले. घेराबंदी करके उन्हें हिरासत में ले लिया. तलाशी लेने पर उनके पास एक कपड़े के थैले में प्लास्टिक की बोरे मिले, जिसे खोलने पर उसमें गांजा मिला.
इस पर चारों युवकों को अग्रिम कार्रवाई के लिए थाना लाया गया. जहां पूछताछ करने पर एक युवक ने अपना परिचय राजनांदगांव जीआरपी आरक्षक शैलेष कुमार निवासी रेलवे कॉलोनी दुर्ग के रूप में दिया. आरक्षक ने बताया कि उसे गांजा केलाबाड़ी निवासी दुर्ग जीआरपी आरक्षक वसीम अहमद द्धारा
उपलब्ध कराने की जानकारी दी. उसने बताया कि वसीम ने उसे इससे पहले चार से पांच बार गांजा उपलब्ध कराया है.
ओडीसा से गांजा मंगवाकर कोचियों तक उपलब्ध कराने के मामले में मोहन नगर पुलिस ने चार महीने पहले जनवरी माह में भी जीआरपी के आरक्षकों को पकड़ा था. उस दौरान पुलिस ने नयापारा शहीद भगत सिंह स्कूल के पास तितुरडीह निवासी आरक्षक विकास सिंह (32 वर्ष) और रेलवे कॉलोनी निवासी आरक्षक शैलेंद्र कुमार (34 वर्ष) को गिरफ्तार किया था. पुलिस दोनों आरक्षकों के कब्जे से 16 किलो गांजा बरामद किया था.
दुर्ग न्यूज़ डेस्क !!!