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Durg  राष्ट्रीय संगोष्ठी: मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा-राज्य में मसाला एवं सुगंधित फसलों की अपार संभावनाएं
 

Durg  राष्ट्रीय संगोष्ठी: मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा-राज्य में मसाला एवं सुगंधित फसलों की अपार संभावनाएं

छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क,  भारतवर्ष में औषधीय, मसाला एवं सुगंधित पौधों का इतिहास काफी पुराना है, क्योंकि चिकित्सा एवं सुगंध हेतु इन पौधों का उपयोग होता रहा है .इसके व्यापक एवं व्यवसायिक कृषिकरण के साथ जन सामान्य में जितनी रुचि वर्तमान में जागृत हुई है उतनी संभवत पहले कभी नहीं हुई थी . उक्त उद्गार प्रदीप शर्मा, कृषि सलाहकार मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन ने बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर में आयोजित दो दिवसीय "छत्तीसगढ़ राज्य में मसाला एवं सुगंधित फसलों की क्षमता एवं संभावनाएं" विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किया . अध्यक्षता करते हुए डॉ. गिरीश चंदेल, कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि मसाला एवं सुगंधित पौधों की खेती कर किसान आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सकते हैं .
विशिष्ट अतिथि डॉ. मोहम्मद असलम, विशेष सलाहकार, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्ली ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के लिए यह ऐतिहासिक दिन है क्योंकि राज्य मसाला एवं सुगंधित फसलों से समृद्ध है . मसाला एवं सुगंधित फसलों की इस अनुवांशिक समृद्धि को राज्य के कृषकों को इसकी खेती हेतु प्रोत्साहित कर आर्थिक समृद्धि में बदला जा सकता है . विशिष्ट अतिथि अटल श्रीवास्तव, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल, रायपुर में कहा कि नवनिर्मित छत्तीसगढ़ राज्य में मसाला एवं सुगंधित फसलों की खेती की अपार संभावनाएं एवं क्षमता है. राज्य शासन किसान भाइयों को मसालों फसलों की खेती हेतु प्रोत्साहित कर रही है.

इस अवसर पर डॉ.ज्ञानेंद्र मणि, मुख्य महाप्रबंधक, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने कहा कि राज्य में इन पौधों की खेती के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध है .आज देश के कई राज्यों में मसाला एवं सुगंधित फसलों की खेती के लिए किसान भाइयों की रुचि बढ़ी है एवं पारंपरिक खेती के साथ फल, सब्जी और पशुपालन के साथ ही मसाला एवं सुगंधित पौधों की खेती की तरफ रुझान तेजी से कर रहे हैं .
कार्य₹म के विशिष्ट अतिथि श्री बाबूलाल मीणा, उपनिदेशक, सुपारी एवं मसाला विकास निदेशालय, कालीकट, केरल ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसानों को ज्यादा से ज्यादा आय मिले इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.कार्य₹म के आरंभ में डॉ. आर. के. एस. तिवारी, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय द्वारा अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान पुष्पगुच्छ तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर आयोजन पर प्रकाश डालकर किया गया. दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में 100 प्रतिभागियों एवं राज्य के विभिन्न जिलों से पधारे लगभग 400 पुरुष एवं महिला कृषकों ने सहभागिता की. राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि प्रदीप शर्मा एवं अन्य अतिथियों द्वारा टीडी पांडे, एनके चौरे, अजीत विलियम्स, गीत शर्मा, अजय टेगर, रोशन परिहार, विनोद कुमार निर्मलकर एवं यशपाल सिंह निराला द्वारा संपादित संगोष्ठी स्मारिका का विमोचन किया गया.कार्य₹म का संचालन वैज्ञानिक अजीत विलियम्स एवं युष्मा साव तथा आभार डॉ. एस.एस. टुटेजा, निदेशक प्रक्षेत्र, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर ने व्यक्त किया .

दुर्ग न्यूज़ डेस्क !!!
 

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