Durg चिंता: पांच साल में पिछले साल सबसे अधिक 9 मौतें हुईं,फाइलेरिया के बढ़ रहे हैं मरीज चार महीने में दो नए मरीज मिले

छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, जिले में फाइलेरिया मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसके चलते पांच सालों में पुराने और नए केसिज मिलाकर एक्टिव मरीजों की संख्या 212 हो गई है. इस साल के चार महीनों में दो नए केस मिले हैं. इसके अलावा इस बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या भी साल दर साल बढ़ रही है.
विशेषज्ञों के मुताबिक फाइलेरिया मच्छरों के काटने से बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या होती है. पैरों और हाथों में सूजन, हाइड्रोसिल में सूजन भी फाइलेरिया के लक्षण हैं. फाइलेरिया का संक्रमण बचपन में ही आ जाता है, लेकिन कई सालों तक इसके लक्षण नजर नहीं आते. फाइलेरिया से प्रभावित होने वाले अंग के बढ़ने की कोई सीमा नहीं रहती है. चपेट में आने वाले दवाएं न लें तो उनके पैर हाथी के पैर से भी मोटे हो जाते हैं. पैर के अलावा पुरुषों में उनके अंडकोश और महिलाओं में स्तन भी इस बीमारी की चपेट में आता है.
शुरुआती दौर में इलाज नहीं मिला तो बाद में दवा भी काम नहीं करती
विशेषज्ञों के मुताबिक लक्षण दिखते ही इसकी पहचान कर निर्धारित दवाएं नहीं ली तो फिर इसका इलाज संभव नहीं है. दरअसल इस बीच कृमि स्वयं को काफी विकसित कर लेता है और इसके बाद अपनी संख्या बढ़ाने लगता है. संख्या दवाओं के पॉवर से कई गुना ज्यादा हो जाने से केवल दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है.
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