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Durg लोकल बाड़ियों में फसल खराब,महाराष्ट्र का प्याज बिक रहा महंगा
 

इस गांव में प्याज और लहसुन खाना माना जाता है अपशकुन, खरीदकर लाने पर भी हो जाती है अनहोनी


छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क,  प्रदेश में बेमौसम बारिश के कारण प्याज की फसल खराब हो गई है. इसका असर स्थानीय बाजार में दिख रहा है. फसल खराब होने के कारण जहां लोकल प्याज की कीमत नहीं मिल रही है, वहीं महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की आवक पर निर्भरता बढ़ गई है. ऐसे में जिस प्याज की महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की मंडियों में 3 से 4 रुपए किलो में खरीदार नहीं मिल रहे हैं, वही प्याज यहां 12 से 15 रुपए किलो में बिक रहा है. जबकि लोकल प्याज की कीमत बमुश्किल 5 से 8 रुपए किलो ही मिल पा रहा है. जिले में प्रदेश से ज्यादातर प्याज कवर्धा से आता है, लेकिन यहां फसल खराब होने के कारण प्याज की क्वालिटी ठीक नहीं मिल रही है. लिहाजा महाराष्ट्र के नासिक, लासलगांव और जलगांव के अलावा मध्यप्रदेश के इंदौर के प्याज पर जिले की निर्भरता बढ़ गई है. स्थानीय व्यापारियों कहना है कि लोकल बाड़ियों से सामान्य आवक होने पर इस समय अन्य प्रदेशों के प्याज की ज्यादा जरूरत नहीं होती. लोकल आवक के कारण कीमत भी कम होती है. सामान्य स्थिति में इस समय 5 से 7 रुपए किलो प्याज मिलना चाहिए, लेकिन इस बार अभी से बाहर के प्याज पर निर्भरता बढ़ गई है.
ऐसे में मौजूदा कीमत से खास राहत की संभावना फिलहाल कम है.
प्याज की जरूरत व आवक

जिले में हर दिन प्याज की खपत करीब 8 से 9 ट्रक
दुर्ग-भिलाई में खपत 80 से 90 टन.
सामान्य स्थिति में आवक होती है 8 से 10 ट्रक
बाहर से जिले में आ रही है 4 से 5 ट्रक
यहां से आता है जिले में प्याज
राज्य - महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक.
कीमत कम नहीं होने का यह कारण
0 प्रदेश के कवर्धा से आवक कम हो रही है.
0 बारिश में फसल ख्रराब होने से कवर्धा के प्याज की क्वालिटी ठीक नहीं आ रही.
0 फसल के प्याज का साइज, रंग व छिलका ठीक नहीं
0 क्वालिटी ठीक नहीं होने के कारण ज्यादा खरीदी से परहेज
0 मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र से नए फसल आवक की अभी शुरूआत, यहां मंडियों में कीमत कम, लेकिन क्वालिटी ठीक
0 अन्य प्रदेशों से परिवहन खर्च ज्यादा होने के कारण यहां कीमत ज्यादा
पिछले साल 60 से 90 रुपए तक प्याज बिका
जिले में प्याज का शार्टेज पिछले साल भी रहा. तब शुरूआत में चिल्हर बाजार में यह केवल 10 से 12 रुपए किलो बिक रहा था. इस समय तक बाजार में स्थानीय उपज भी पहुंच रहा था. इसकी समाप्ति के साथ ही पिछले जुलाई-अगस्त से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हुई और कीमत 55 से 60 रुपए किलो तक पहुंच गया था.
अक्टूबर में 90 रुपए किलो में भी प्याज बिका.
नासिक सेमाल भाड़ा 3 से 4 रुपए किलो
बाजार में मालभाड़ा के बाद 6 से 8 रुपए कीमत
थोक कारोबारी का कमीशन 2 से 3 रुपए
कमीशन जोड़कर कीमत 8 से 11 रुपए
मिनी होलसेलर का कमीशन 2 से 3 रुपए
कमीशन जोड़कर कीमत 10 से 13 रुपए
चिल्हर कारोबारी कमीशन में कमा रहे 2 से 3 रुपए ाट, बाजार व मोहल्ले के दुकानदारों के लिए कीमत 12 से 15 रुपए प्रति किलो.

दुर्ग न्यूज़ डेस्क !!!
 

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