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Durg  हाथियों का झुंड फिर कबीरधाम जिले में, ग्राम आगरपानी में दो घरों को तोड़ा

Kamrup पूर्वोत्तर में हाथियों ने इसके कई गलियारों का उपयोग करना क्यों बंद कर दिया है?
 

छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, वनांचल में एक बार फिर से हाथियों की धमक हो चुकी है. मध्यप्रदेश जंगलों से होते हुए छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के वनांचल गांवों में रहवासी इलाकों में पहुंचकर घर व फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. ग्रामीण जान बचाकर भागने को मजबूर हो चुके हैं. पंडरिया ब्लाक के पूर्व क्षेत्र आगरपानी में  रात को प्रवेश कर दो लोगों के घरों को तोड़ दिया.
वहीं घर के लोग खेती-बाड़ी में काम करके थके हारे सोए हुए थे, अचानक रात में घरों के खप्पर व लकड़ी गिरना शुरू हुआ और हाथियों की चिहाड़ से घबरा हुई इससे खबराकर ग्रामीण घरों को छोड़कर भागे तब कहीं उनकी जान बची अन्यथा बड़ा हो सकता था.  को अचानकमार अभयारण्य से निकलकर हाथियों का झुंड मध्यप्रदेश के करंजिया के खरीडीह के वन ग्राम तरवर टोला पहुंचा. वहां पर में चार ग्रामीणों का घर तोड़ दिया और धान के फसल को नुकसान पहुंचाया. एक हफ्ते तक मध्यप्रदेश के गोरखपुर और ठाढपथरा के सगोन जंगलों में रहे. इस बीच वन विभाग टीम द्वारा लगातार छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में मुनादी की जा रही थी.


फसलों को भी पहुंचा रहे नुकसान
 की दोपहर तक एमपी के पंडरीपानी जंगल में आराम कर रहे थे वहां से कबीरधाम के तीनगड्डा, झूमर, तेलियापानी लेदरा नजदीक है वहां पहुंचे. रात को फि र हाथियों का झुंड ग्राम आगरपानी होते हुए नीचे गांव में गए. फसल को कम नुकसान पहुंचाया है. वहीं भैंसाडबरा गांव में किसी का मिजाई के लिए रखा हुआ धान को पूरी तरह से सफा चट दिए. भेसाडबरा गांव के तालाब में काफ ी देर तक वह रहे. सुबह होते ही फि र भेड़ागढ़ की ओर रवाना हो गए. भैसाडबरा के जंगल के बीचों बीच है. वन विभाग के पंडरिया पूर्व व पश्चिम रेंज के अधिकारी लगातार निगरानी बनाए हुए हैं.

दुर्ग न्यूज़ डेस्क !!!
 

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