Durg महिला विवेचक ही नहीं, महिलाओं से संबंधित अपराध की जांच में होती है देरी, महिला कोटवारों को मदद के लिए बुलाती है पुलिस
छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, अमलेश्वर थाना में सप्ताहभर पहले एक महिला ने अपने ही पति के प्राइवेट पार्ट को काट दिया और सिर पर प्रहार कर मौत के घाट उतार दिया. टीआई राजेन्द्र यादव ने मामले की जांच शुरु की, लेकिन थाना में महिला विवेचक नहीं होने की वजह से दूसरे गांव की महिला कोटवार को बुलाना पड़ा.
इसके बाद टीआई ने महिला के सामने उसे बैठाकर मामले की जांच शुरु की. उस महिला से थाना के पुरुष पुलिस ने महिला कोटवार की मौजूदगी में पूछताछ कर केस को पुटअप किया. टीआई ने बताया कि जब बलात्कार, छेड़छाड़ जैसे प्रकरण आते है, उस दौरान विवेचना में भारी परेशानी उठानी पड़ती है. शहरी थानों में ऐसी स्थिति है कि आस-पास थानों से महिला विवेचकों को बुलाकर काम चलाया जा रहा है.
बयान दर्ज कराने में गुजर जाता है पूरा दिन
महिला फरियादी अपनी दरकार लेकर थाना पहुंचती है, तो उन्हें पहले थाना के सामने पुरुष ड्यूटी अफसर मिलते हैं. पहले तो महिलाएं अपनी पूरी बात रखने में संकोच करती है. मजबूरी में उन्हें अपनी पीड़ा ड्यूटी अफसर से शेयर करनी पड़ती है. फिर उसे टीआई के कक्ष में जाना पड़ता है. यदि बलात्कार, छेड़छाड़ जैसी गंभीर घटना है, तब टीआई को आस पास थानों में फोनकर महिला विवेचके के लिए जुगत लगानी पड़ती है. बयान दर्ज कराने में पीड़िता और उसके परिवार को मानसिक तौर पर कई बार परेशान होकर घंटों इंतजार करना पड़ता है.
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