Durg पिछले अनुभव से नहीं लिया सबक: पॉलीथिन पर रोक लगाने की जा रही सतही कार्रवाई स्वच्छता रेटिंग में रोड़ा, पॉलीथिन पर रोक नहीं, वाटर मैनेजमेंट है कमजोर

छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, स्वच्छता को लेकर ताजा रेटिंग के सर्वे के लिए नगर निगम ने तैयारी शुरू कर दी. जानकारी के मुताबिक इसके लिए सेंट्रल की टीम फरवरी में आ सकती है. बताया जा रहा है कि इस बार सेंट्रल टीम का फोकस पॉलीथिन पर रोक और वाटर मैनेजमेंट पर होगा. इधर स्वच्छता में सबसे बड़े बाधक प्रतिबंधित पॉलीथिन और वाटर मैनेजमेंट के काम अब तक ठीक से शुरू नहीं हो पाए हैं.इस तरह समझें जीरो वेस्ट मैनेजमेंट
कचरे को पैदा होने वाले स्थल पर ही निपटान करने के साथ सूखा और गीला कचरा घर-घर से कलेक्ट कर शहर को कचरा मुफ्त बनाया जाना है. इसके लिए 56 हजार घरों में डस्टबिन बांटे गए हैं, इसके बाद भी सड़कों के किनारे चौक-चौराहों में कचरे का ढेर लग रहा है. एसएलआरएम सेंटरों में भी कचरा जाम हो रहा है.
भा रत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत पिछले सात साल से देशभर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के तहत स्वच्छता के लिए लोगों को प्रेरित करने व प्रतिस्पर्धा बढ़ाने हर साल केंद्र सरकार द्वारा रेटिंग कर उत्कृष्ट शहरों को पुरस्कृत किया जाता है. इस क्रम में पिछली बार की तरह इस बार भी देशभर के 4000 शहरों की स्वच्छता को लेकर प्रतिस्पर्धा कराई जा रही है. प्रतिस्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन के लिए घर-घर कचरा कलेक्शन से लेकर निपटान, पॉलीथिन पर रोक और वाटर मैनेजमेंट की व्यवस्था जरूरी है.
नालियों की सफाई की शुरू
इधर नगर निगम ने स्वच्छता सर्वे के मद्देनजर दैनिक सफाई के साथ बड़े नालों की सफाई भी शुरू कराई है. निगम के अमले द्वारा दो दिन से केलाबाड़ी नाले की सफाई कराई जा रही है. निगम प्रशासन का दावा है कि इसी तरह सभी नालों व नालियों की सफाई कराई जाएगी. वहीं सफाई की व्यवस्था को भी दुरूस्त किया जाएगा.
पिछला अनुभव नहीं रहा ठीक
पिछली बार स्वच्छता सर्वेक्षण में हमारा शहर फिसड्डी रहा. स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत देश में गार्बेज फ्री सिटी के लिए दूसरी बार कराए गए रैंकिंग में पिछली बार का थ्री स्टार रेटिंग तो कायम रहा, लेकिन स्वच्छता के लिहाज से बेहतर शहरों की सूची में हम प्रदेश में तीसरे से सातवें और देश में 17वें स्थान से 39वें स्थान पर फीसल गए.
दुर्ग न्यूज़ डेस्क !!!