डूंगरपुर के सिंटेक्स मिल में लगी भीषण आग, वीडियो में जानें फायर ब्रिगेड 5 मिनट में पहुंची, एंबुलेंस को लगा आधा घंटा

शहर की प्रसिद्ध सिंटेक्स मिल में मंगलवार सुबह आग लगने की खबर से हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और जिला प्रशासन के अधिकारी तत्काल अलर्ट हो गए और बड़ी संख्या में कर्मचारी व अधिकारी मौके पर पहुंचने लगे। मिल के आसपास के क्षेत्र में भी अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
हालांकि कुछ समय बाद ही यह स्पष्ट हुआ कि यह कोई असली हादसा नहीं था, बल्कि एक पूर्व नियोजित मॉक ड्रिल थी, जिसे आपदा प्रबंधन और सुरक्षा तैयारियों को जांचने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। जैसे ही यह जानकारी सामने आई, लोगों और अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
क्या था मॉक ड्रिल का उद्देश्य?
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, यह मॉक ड्रिल फैक्ट्री में आग लगने की स्थिति में इमरजेंसी रिस्पॉन्स और कर्मचारियों की तत्परता की जांच के लिए की गई थी। इसमें यह देखा गया कि किसी आकस्मिक घटना के दौरान कितनी जल्दी और प्रभावी तरीके से फायर ब्रिगेड, पुलिस और अन्य विभाग समन्वय बनाकर काम करते हैं।
अधिकारी भी हुए भ्रमित
दिलचस्प बात यह रही कि इस मॉक ड्रिल की जानकारी कई अधिकारियों और कर्मचारियों को भी पहले से नहीं थी। इसलिए शुरुआती कुछ मिनटों तक मौके पर पहुंचने वाले सभी लोगों ने इसे असली हादसा समझा। मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ, एम्बुलेंस और पुलिस बल भी तैनात कर दिए गए थे।
स्थानीय लोग भी घबरा गए
मिल के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों में भी अफवाह फैल गई कि मिल में भीषण आग लग गई है। कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों को फोन कर सूचना देना शुरू कर दिया। हालांकि बाद में प्रशासन ने माइक के ज़रिए और सोशल मीडिया के माध्यम से स्पष्ट किया कि यह एक मॉक ड्रिल थी।
सफल रहा अभ्यास
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि यह मॉक ड्रिल सफल रही और कर्मचारियों ने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंची फायर टीम ने आग बुझाने की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया और इमरजेंसी रिस्पॉन्स का समय रिकॉर्ड किया गया।
अब प्रशासन इस मॉक ड्रिल की रिपोर्ट तैयार कर उच्च स्तर पर भेजेगा, ताकि आगे किसी भी असली घटना की स्थिति में व्यवस्था और भी बेहतर की जा सके।