30 जनवरी को धौलपुर जिले के सरमथुरा क्षेत्र के हालुपुरा गांव में अवैध बजरी खनन के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में घोर लापरवाही उजागर हुई थी। पुलिस ने इस मामले में एक ऐसे व्यक्ति को आरोपी बनाया है जिसकी दो महीने पहले मौत हो चुकी है। इस चौंकाने वाली घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। मृतक का नाम आरोपियों की सूची में शामिल होने से प्रशासन की जांच प्रक्रिया पर संदेह पैदा हो गया है।
दरअसल, हेड कांस्टेबल सुरेश चंद्र ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बजरी व्यापारी ट्रैक्टर और लोडर के जरिए नावों में बजरी भर रहे थे और पुलिस को देखकर आरोपी भाग गए। भागने वालों में रामवीर गुर्जर का नाम भी शामिल था। जांच अधिकारी ने बताया कि रामवीर गुर्जर की मौत 30 नवंबर 2024 को करंट लगने से हुई थी। ग्राम पंचायत जीरी की ग्राम विकास अधिकारी नीलम सिंह ने पत्र जारी कर स्पष्ट किया है कि हालुपुरा गांव में रामवीर गुर्जर नाम का केवल एक ही व्यक्ति था, जिसकी दो माह पूर्व मृत्यु हो गई थी। मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र भी मौजूद है, फिर भी उसे आरोपी बना दिया गया। यह घटना पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है।