प्री डीएलएड परीक्षा में 5 डमी कैंडिडेट गिरफ्तार, वीडियो में जानें फिंगरप्रिंट मिसमैच होने पर हुआ शक

राजस्थान में शिक्षण क्षेत्र से जुड़े एक अहम प्रवेश एग्जाम प्री डीएलएड (BSTC) परीक्षा के दौरान धौलपुर जिले में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। रविवार को आयोजित परीक्षा के दौरान जिले के तीन परीक्षा केंद्रों पर पांच डमी कैंडिडेट पकड़े गए, जो दूसरे अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने पहुंचे थे।
इन सभी डमी परीक्षार्थियों की पहचान फिंगरप्रिंट स्कैनिंग के दौरान हुई, जब उनकी बायोमेट्रिक जानकारी वास्तविक उम्मीदवारों से मेल नहीं खा सकी। इसके बाद सेंटर अधीक्षकों ने तुरंत इस मामले की सूचना कोटा स्थित मॉनिटरिंग सेंटर को भेजी, जहां से पुष्टि हुई कि ये सभी अभ्यर्थी फर्जी हैं।
कैसे पकड़े गए डमी कैंडिडेट?
राज्य सरकार द्वारा परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस बार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन सिस्टम लागू किया गया है। धौलपुर के जिन परीक्षा केंद्रों पर डमी कैंडिडेट पकड़े गए, वहां भी इस प्रक्रिया का पालन किया गया।
जैसे ही फिंगरप्रिंट स्कैनिंग में मेल नहीं बैठा, केंद्र अधीक्षक ने फौरन फोटो और डाटा को मॉनिटरिंग सेंटर को भेजा। वहां मौजूद अधिकारियों ने तुरंत पहचान की पुष्टि करते हुए बताया कि ये अभ्यर्थी वास्तविक उम्मीदवार नहीं हैं, बल्कि डमी कैंडिडेट हैं।
परीक्षा में सख्ती का असर
राज्य सरकार और शिक्षा विभाग ने इस बार परीक्षा में सख्त निगरानी और तकनीकी उपायों को अपनाया है। परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी, बायोमेट्रिक सत्यापन, और लाइव मॉनिटरिंग जैसे उपायों के चलते फर्जीवाड़ा पकड़ना संभव हुआ।
धौलपुर में पकड़े गए मामलों ने साबित कर दिया है कि नकल और पहचान बदलकर परीक्षा देने की कोशिशें अब आसान नहीं रहीं।
पुलिस जांच में जुटी, केस दर्ज
परीक्षा अधिकारियों ने इस मामले की सूचना स्थानीय पुलिस प्रशासन को दी है। पांचों डमी कैंडिडेट को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
प्राथमिक जांच में पता चला है कि इन युवकों को पैसे लेकर परीक्षा देने भेजा गया था। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इसके पीछे कोई संगठित गिरोह तो नहीं है जो अभ्यर्थियों के स्थान पर दूसरों को भेजकर परीक्षा दिलवा रहा है।
शिक्षा विभाग भी हुआ सतर्क
राज्य शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सभी जिलों से बायोमेट्रिक सत्यापन की रिपोर्ट मांगी है। विभाग ने संकेत दिए हैं कि यदि जरूरत पड़ी तो आने वाले समय में डमी कैंडिडेट भेजने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें अभ्यर्थी की परीक्षा रद्द करना और भविष्य की परीक्षाओं से निलंबन जैसे कदम शामिल हो सकते हैं।