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Dhanbad पहल ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से कोयला ढुलाई को लगेंगे पंख

देखे कोयले के आयात पर भारत के विदेशी मुद्रा पर भारी  खर्च , 2022 में 3.85 लाख करोड़ रुपये का कोयला किया गया इम्पोर्ट
 

झारखण्ड न्यूज़ डेस्क, ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) से कोयला ढुलाई का मानो पंख लग जाएंगे. पूर्वी भारत की कोयला कंपनियों खासकर बीसीसीएल, ईसीएल एवं सीसीएल के लिए कोयला ढुलाई में यह सबसे बड़ा लॉजिस्टिक सपोर्ट होगा. कोयला मंत्रालय उक्त फ्रेट कॉरिडोर के आधार पर कोयला खनन की नीति बना रही है. सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों को ही नहीं पूर्वी में निजी कंपनियों को आवंटित कोल ब्लॉक के लिए भी यह फ्रेट कॉरिडोर वरदान साबित होगा.
उक्त फ्रेंट कॉरिडोर की अहमियत यह है कि कोयला मंत्री ने सदन में जानकारी दी है कि नीति आयोग द्वारा जुलाई 23 में लॉन्च किए गए भारत जलवायु ऊर्जा डैशबोर्ड के अनुसार भारत की प्राथमिक ऊर्जा आपूर्ति 12-22 के दौरान 4.0 सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ी है. भारत ऊर्जा सुरक्षा परिदृश्य (आईईएसएस) 47- नीति आयोग द्वारा विकसित एक ऊर्जा मॉड्यूल के अनुसार, भविष्य की ऊर्जा आपूर्ति नेट-शून्य और बीएयू परिदृश्यों के तहत क्रमश 3.3 से 3.5 की दर से बढ़ने का अनुमान है.

रेल मंत्रालय ने दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर एक ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तथा दूसरा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कर रहा है. पूर्वी डीएफसी मुख्य रूप से कोयला, सीमेंट और स्टील की ढुलाई के लिए महत्वपूर्ण होगा. पूर्वी डीएफसी उत्तरी इलाकों में स्थित थर्मल पावर हाउसों के लिए देश के पूर्वी हिस्से से कोयले की तेजी से निकासी की सुविधा प्रदान करेगा. इसके अलावा कई रेलवे परियोजनाएं रेल मंत्रालय की भागीदारी नीति के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही हैं, जिससे कोयले के परिवहन में सुविधा होगी.
औसतन प्रतिदिन 300 रैक कोयले की ढुलाई
कोल सेक्टर के जानकार बताते हैं कि वर्तमान में औसतन प्रतिदिन 300 रैक कोयले की ढुलाई होती है. कोल इंडिया का उत्पादन एक बिलियन टन या इससे अधिक होने पर कोयला ढुलाई के लिए ज्यादा रैक की जरूरत पड़ेगी. इसमें खनिजों की निर्बाध ढुलाई के लिए तैयार हो रहे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर अहम भूमिका निभाएंगे. ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर पंजाब से बंगाल को जोड़ रहा है. यानी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड सहित कई राज्य कनेक्ट होंगे. झारखंड देश का सर्वाधिक कोयला रिजर्व वाला राज्य है.
उत्पादन बढ़ाने की दरकार
कोयले की बढ़ती खपत और बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा कई उपाय किए जा रहे हैं, जिनमें घरेलू कोयले की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने की दरकार है. ईस्टर्न फ्रेड कॉरिडोर से कोल सेक्टर को बहुत बल मिलेगा. उक्त फ्रेट कॉरिडोर के चालू होने से कोयला उत्पादन में तेजी से वृद्धि होगी.

धनबाद न्यूज़ डेस्क !!!
 

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