
झारखण्ड न्यूज़ डेस्क, महीना के दिन बीत चुके हैं. अब सुबह व रात में ठंड का एहसास होने लगा है. अगले कुछ दिनों में ठंड में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी. ऐसे में सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में पढ़नेवाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है.
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एक लाख 67 हजार 794 बच्चों में से अब तक 50 फीसदी से भी कम छात्र-छात्राओं को ड्रेस, स्वेटर, जूता-मौजा खरीदने का पैसा मिला है. प्रबंध पोर्टल पर अपलोड सितंबर 2023 तक के आंकड़े जारी किए गए हैं. अब तक 50 फीसदी से भी कम राशि खर्च हुई है. धनबाद के 1.67 लाख बच्चों के ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा के लिए 10 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. अभिभावकों का कहना है कि विभाग जल्द से जल्द बच्चों के बैंक खाते में राशि ट्रांसफर करे. से स्कूल खुल रहे हैं. जल्द राशि नहीं मिली तो बच्चे बिना स्वेटर के ठिठुर के स्कूल जाने को विवश होंगे.
परियोजना ने जताई नाराजगी झारखंड शिक्षा परियोजना ने इस पर नाराजगी जताई है.
परियोजना का कहना है कि वित्तीय वर्ष के सात महीने व एकेडमिक सत्र के लगभग चार महीने बीत जाने के बाद भी राज्य में मात्र 33 प्रतिशत विद्यार्थियों को पोशाक उपलब्ध कराई जा सकी है. धनबाद में भी कम राशि खर्च की गई है. राज्य योजना के अंतर्गत एपीएल विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई गई पोशाक की राशि का कोई उपलब्धि का विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया है. परियोजना ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को सत्र प्रारंभ होने के एक माह के अंदर पोशाक उपलब्ध करा दिए जाने का प्रावधान है. ठंड में विद्यार्थियों को स्वेटर उपलब्ध कराना आवश्यक है. परियोजना की ओर से इस संबंध आवश्यक निर्देश दिया गया है.
धनबाद न्यूज़ डेस्क !!!