
उत्तराखंड न्यूज़ डेस्क, पतंजलि जैविक अनुसंधान संस्थान में विभिन्न राज्यों से आए किसानों संग ऑनलाइन स्वैच्छिक ‘योगाहार’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसकी 928वीं कड़ी में 60 से अधिक किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस दौरान ‘मृदा स्वास्थ्य’ विषय पर चर्चा की गई. चर्चा में यह बात सामने आई कि मृदा स्वास्थ्य के लिए समग्र दृष्टि से काम करने की आवश्यकता है. मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ एवं पोषक तत्वों की प्रचुरता और जलधारण क्षमता उपलब्धता मिलकर फसलों के लिए जीवन शक्ति की निरंतरता को निर्धारित करती है.
पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के पवन कुमार ने बताया कि किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य सीढ़ी चार्ट, मृदा स्वास्थ्य सीढ़ी, धरती का डॉक्टर का परीक्षण किया जा रहा है. इससे किसानों को आगे बढ़ने में मदद मिली है. साथ ही, मिट्टी को लेकर जागरूकता बढ़ी है. इस दौरान डॉ. मनोहारी राठी, तरुण शर्मा, डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. विनय स्वरूप मेहरोत्रा, संजय नैथानी, हरिराज सिंह, रमेश चंद्र मेहरा, शरद वर्मा, नरेंद्र वर्मा, डॉ. किशोर दुबे ऑनलाइन जुड़े.
62 लाख लोगों की आभा आईडी बनाई
उत्तराखंड में अभी तक 62 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा आईडी) बनाए जा चुके हैं. 54 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं. मार्च 2024 तक शत-प्रतिशत लोगों की आभा आइडी बनाई जाएगी. पांच वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा सकेंगे. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि देहरादून जनपद में कुल 13,,990 आभा आईडी बनाई गई हैं. राष्ट्रीय पोर्टल पर तैयार 51286 आभा आईडी का चिन्हिकरण किया जा रहा है. देहरादून में अब तक 11. लाख, हरिद्वार 9.13 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं.
देहरादून न्यूज़ डेस्क !!!