
उत्तराखंड न्यूज़ डेस्क, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बालश्रम वाले एक-एक बच्चे को गोद लेने का संकल्प लेने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं बच्चों को बालश्रम में धकेलने के जिम्मेदार हम ही हैं. हम ही अच्छे समाज के निर्माण के लिए बालश्रम वाले एक-एक बच्चे को गोद ले सकते हैं. हम आगे बढ़ेंगे तो दूसरे लोग भी इससे प्रेरणा लेंगे.
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन एवं पुनर्वास पर सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी ऑडिटोरियम में एक दिनी कार्यशाला आयोजित की थी. इस दौरान महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि अनेक मौकों पर उन्होंने बच्चों के बीच काम करने वाली संस्थाओं की स्थिति देखी तो इनके पास बच्चे थे, लेकिन राशन नहीं. ऐसे बच्चे आसपास किसी शादी-ब्याह वाली जगह से भोजन पाते थे. ऐसे कामों को बंद कराया गया. यहां यूथ इनोवेशन संस्था ने नाटक दिखाया. बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक सुरेश उनियाल, उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा जगमोहन सोनी, ऑपरेशन मुक्ति पर सीओ सिटी (एंटी हयूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) नीरज सेमवाल ने रिपोर्ट पेश की. इस दौरान विधि अधिकारी-बाल आयोग ममता रौथाण, नोडल अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर, अंजना गुप्ता, गायत्री देवी, दीपिका पंवार, गिरीश डिमरी, अमित बलोदी, अशोक बिष्ट, स्मानसी मिश्रा, शमिना सिद्दीकी ने भी विचार रखे.
बालश्रम अभिभावकों द्वारा प्रेरित खन्ना
आयोग अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन, पुनर्वास जैसे मुद्दों पर जागरूकता के साथ सभी विभागों को एकजुट होकर काम करने का अनुरोध किया. उन्होने बताया कि बालश्रम, भिक्षावृत्ति संगठित माफिया क्राइम न होकर अभिभावकों द्वारा प्रेरित है और इसका कारण गरीबी, अज्ञानता, निम्न स्तर की जीवनशैली है. डीजीपी अशोक कुमार ने ऑपरेशन मुक्ति पर कहा कि भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम रोकने के लिए नुक्कड़ नाटक कराए जा रहे हैं. ऐसे परिवारों की काउंसलिंग की जरूरत है.
देहरादून न्यूज़ डेस्क !!!