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Dehradun हलद्वानी हिंसा के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक समेत 30 गिरफ्तार

Dehradun हलद्वानी हिंसा के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक समेत 30 गिरफ्तार

हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले पुलिस ने 5 लोगों काे अरेस्ट किया था। इनमें 2 पूर्व पार्षद और सपा नेता भी शामिल हैं। रविवार को चौथे दिन हिंसा प्रभावित क्षेत्र को छोड़ बाकी शहर में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। हालांकि बनभूलपुरा इलाका अभी भी सील है। SSP प्रह्लाद सिंह मीना ने रविवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि आज 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस तरह अब तक कुल 30 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस आरोपियों से अवैध हथियार बरामद किए गए हैं। इसमें थाने से लूटे गए 100 कारतूस भी शामिल है। वहीं, एक सब-इंस्पेक्टर की लूटी गई पिस्टल को बरामद कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं कर्फ्यू के चौथे दिन प्रशासन ने इस इलाके में दूध,सब्जियां और दवाओं की सप्लाई शुरू कराई है। पुलिस उपद्रवियों की अरेस्टिंग और अवैध असलहों की रिकवरी के लिए बनभूलपुरा इलाके में डोर टु डोर सर्च ऑपरेशन चला रही है। स्थानीय प्रशासन ने इस ऑपरेशन के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 4 अतिरिक्त टुकड़ियों की मांग की है। प्रशासन चरणबद्ध तरीके से इस इलाके में भी कर्फ्यू में ढील देने की योजना बना रहा है। सील किए गए हिंसा प्रभावित क्षेत्र को छोड़ दें तो बाकी शहर में जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है। शनिवार शाम से हल्द्वानी में आंशिक रूप से बाजार को खोल दिया गया है। इस बीच पुलिस ने घटना के बनभूलपुरा हिंसा के मास्टरमाइंड बताए जा रहे रेलवे कांट्रेक्टर अब्दुल मलिक और उसके बेटे की तलाश में यूपी और दिल्ली में छापामारी की है। नजूल की जमीन पर अवैध रूप से मदरसा और मस्जिद के निर्माण में इसी का नाम सामने आ रहा है।

अवैध मदरसा गिराने पर भड़की थी हिंसा

हल्द्वानी में 8 फरवरी की शाम को हिंसा भड़की थी। नगर निगम की टीम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में नजूल की जमीन पर बने अवैध मदरसे को गिराने पहुंची थी। मदरसे को गिराने के विरोध में उप्रदवियों की भीड़ ने पुलिस और निगम की टीम पर पथराव कर दिया था। इसके बाद उपद्रवियों ने पुलिस पर गोली और पेट्रोल बम भी चलाए थे। उपद्रवियों ने 50 से अधिक वाहनों को आग लगा दी थी और बनभूलपुरा थाना फूंक दिया था। बनभूलपुरा थाने के सामने पुलिस ने मजिस्ट्रेट के आदेश पर फायरिंग की थी। इस हिंसा में अभी तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि प्रशासन 5 लोगों की मौत की पुष्टि कर रहा है। उपद्रवियों के हमले में पुलिस, निगम कर्मियों और पत्रकारों समेत 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

निगम ने नुकसान के आंकलन को कमेटी बनाई

नगर निगम ने उपद्रव और आगजनी में हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए कमेटी गठित की है। कमेटी हिंसा में हुए नुकसान का डिटेल आंकलन करेगी। सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान के साथ ही निजी प्रतिष्ठानों को हुए नुकसान का भी अलग से आंकलन किया जाएगा। बता दें कि हिंसा में उपद्रवियों ने सड़कों पर जहां - तहां खड़े वाहनों और ट्रांसफार्मर को आग लगा दी थी। बनभूलपुरा थाने का कंप्यूटर कक्ष पेट्रोल बम की मदद से फूंक दिया था।

60 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया
पुलिस ने बनभूलपुरा इलाके में सर्च ऑपरेशन के दौरान 60 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्धों को पकड़ने का अभियान चल रहा है।

हल्द्वानी हिंसा में गिरफ्तार किए गए आरोपी।
हल्द्वानी हिंसा के तार उत्तराखंड से सटे यूपी के कई शहरों से जुड़े होने की बात सामने आ रही है। नैनीताल पुलिस की 12 से अधिक टीमों को इन शहरों में संदिग्धों की धरपकड़ के लिए रवाना किया गया है। खास तौर यूपी के रामपुर, बरेली और मुरादाबाद में बॉर्डर एरिया में संदिग्धों की तलाश की जा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हिंसा भड़काने के बाद इसमें शामिल रहे कई उपद्रवी यूपी में बॉर्डर एरिया के जिलों में जा छुपे हैं। इसके अलावा घटना के मास्टरमाइंड माने जा रहे रेलवे के बड़े कांट्रेक्टर अब्दुल मलिक और उसके बेटे की भी तलाश की जा रही है। पुलिस ने उसकी तलाश में दिल्ली में भी छापा मारा है।

पुलिस ने 5 लोगों को कर चुकी है अरेस्ट

अरेस्ट होने वालों में पूर्व पार्षद महबूब आलम, पूर्व पार्षद जीशान, सपा नेता अरशद अय्यूब, असलम चौधरी और सपा नेता अब्दुल मतीन सिद्दीकी का भाई जावेद सिद्दीकी भी शामिल है। नैनीताल एसएसपी प्रहलाद सिंह मीणा का कहना है कि बनभूलपुरा क्षेत्र में हुई हिंसा के मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अभी तक 5 लोगों की अरेस्टिंग की जा चुकी है। बाकी अभियुक्तों को अरेस्ट करने के लिए साक्ष्य संकलित किए जा रहे हैं। अब्दुल मलिक को भी पुलिस तलाश कर रही है। अब्दुल मलिक हमारे मुकदमे में नामजद अभियुक्त है। सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण का कार्य उसी के द्वारा किया गया था। अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण का विरोध भी सबसे ज्यादा उसी के द्वारा किया जा रहा था।

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