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Dehradun प्रेमचंद ने डेढ़ माह में एक तिहाई कर्मचारी बदल डाले
 

Dehradun प्रेमचंद ने डेढ़ माह में एक तिहाई कर्मचारी बदल डाले


उत्तराखंड न्यूज़ डेस्क,  शहरी विकास विभाग में विवादों के घेरे में आए हालिया तबादलों से पूर्व जुलाई अंत में भी 30 कार्मिकों के तबादले किए गए थे. विभाग में कुल स्वीकृत 950 पदों के सापेक्ष 332 कार्मिक ही
कार्यरत हैं. इस तरह डेढ़ माह में करीब
एक तिहाई कार्मिकों के तबादले कर दिए गए. हालांकि दूसरी सूची के 74 तबादलों पर फिलहाल रोक लगी है.
विभागीय मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की विदेश यात्रा से ठीक पहले  शहरी विकास विभाग में हुए अधिशासी अधिकारी, कर अधिकारी व सफाई निरीक्षक स्तर के बड़ी संख्य में हुए तबादलों का मामला हर किसी की जुबान पर है. हालांकि  ही इन तबादलों पर मुख्यमंत्री कार्यालय से तत्काल ही रोक लगा दी गई. इससे पूर्व विभाग में गत 30 जुलाई को 30 अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले किए गए थे. यह विभाग ट्रांसफर ऐक्ट में शामिल नहीं है. इसमें प्रशासनिक जरूरत के मुताबिक कभी भी तबादले किए जा सकते हैं. फिर भी महज डेढ़ महीने में कुल कार्यरत कार्मिकों के एक तिहाई के तबादलों से विभाग चर्चाओं में आ गया है. तबादले के आदेशों का तरीका भी असामान्य रहा.  सचिवालय बंद होने के बावजूद रात नौ बजे, एक-एक कर 74 कार्मिकों को उनका तबादला आदेश निजी तौर पर भेजा गया. सामान्य तौर पर तबादले की जद में आए सभी कार्मिकों की कॉमन लिस्ट जारी की जाती है. इसके बाद निजी तौर पर उन्हें सूचित किया जाता है. जबकि इस मामले में कॉमन लिस्ट, तबादलों पर रोक के समय ही तैयार की गई.
दो तिहाई पद खाली
प्रदेश में शहरी निकायों की संख्या 102
तक पहुंच गई है. इसके लिए विभाग में
950 कार्मिकों का ढांचा स्वीकृत है.
इसके सापेक्ष 332 कार्मिक ही कार्यरत
हैं. इससे कई निकायों में वरिष्ठ सहायक
स्तर के कार्मिक भी प्रभारी अधिशासी
अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं. कुछ
जगह प्रतिनियुक्ति पर आए कार्मिक भी
बतौर प्रभारी, निकाय संचालन कर रहे
हैं. इसी के चलते विभाग में तबादला
ऐक्ट लागू नहीं हो रहा है. अब विभाग
की उम्मीद लोक सेवा आयोग से चयनित
होकर आने वाले कार्मिकों पर टिकी है.

देहरादून न्यूज़ डेस्क !!!
 

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