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दौसा में विधायक ने ग्रामीणों संग बिजली विभाग की विजिलेंस टीम को घेरा, फुटेज में देखें बोले - 'वसूली के लिए आए तो पेड़ से बांध दो'

दौसा में विधायक ने ग्रामीणों संग बिजली विभाग की विजिलेंस टीम को घेरा, फुटेज में देखें बोले - 'वसूली के लिए आए तो पेड़ से बांध दो'

दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र में शुक्रवार को उस समय हंगामे की स्थिति बन गई, जब बिजली विभाग की विजिलेंस टीम को स्थानीय विधायक रामबिलास मीणा और ग्रामीणों ने घेर लिया। मामला बिजली चोरी की जांच से जुड़ा है। आरोप है कि विजिलेंस टीम जांच के नाम पर अवैध वसूली कर रही थी, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि विधायक ने टीम को काफी देर तक गांव में ही बैठाए रखा।

जानकारी के अनुसार, बिजली विभाग की विजिलेंस टीम शुक्रवार को कल्लावास, कालुवास, सोनड और सिसोदिया गांवों में बिजली चोरी की जांच के लिए पहुंची थी। ग्रामीणों का आरोप है कि टीम ने वीसीआर (विद्युत चोरी रिपोर्ट) भरने के नाम पर उनसे अवैध रूप से पैसे वसूलने की कोशिश की। इसी आरोप को लेकर सिसोदिया गांव में ग्रामीणों ने विजिलेंस टीम को घेर लिया और विरोध शुरू कर दिया।

घटना की सूचना मिलते ही लालसोट विधायक रामबिलास मीणा मौके पर पहुंचे। विधायक के पहुंचते ही ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया। मौके पर मौजूद लोगों के सामने विधायक ने बिजली विभाग और उसकी विजिलेंस टीम पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि अगर ऐसे अधिकारी दोबारा गांव में आएं, तो उन्हें रोका जाए।

विधायक रामबिलास मीणा का एक बयान सामने आया है, जिसमें वे ग्रामीणों से कहते नजर आ रहे हैं—“अगर बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी लालसोट विधानसभा में वीसीआर भरने की कार्रवाई करता है, तो उसे वहीं बैठा देना। गाड़ी के दोनों पहियों से हवा निकाल दो। ज्यादा बदमाशी करे तो उसे पेड़ से बांध दो।” यह बयान अब चर्चा का विषय बन गया है।

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान विजिलेंस टीम काफी देर तक गांव में फंसी रही। बाद में प्रशासनिक हस्तक्षेप और समझाइश के बाद स्थिति शांत हुई और टीम को वहां से निकलने दिया गया। हालांकि, इस घटना के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में डर और नाराजगी का माहौल है।

बिजली विभाग के सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस टीम राज्य सरकार के निर्देश पर बिजली चोरी रोकने के लिए नियमित जांच कर रही थी। विभाग का दावा है कि जांच प्रक्रिया पूरी तरह नियमों के तहत होती है और किसी भी प्रकार की अवैध वसूली का आरोप निराधार है। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से विजिलेंस टीम डर दिखाकर पैसे वसूलती रही है।

राजनीतिक हलकों में भी इस घटना को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। विपक्षी दलों ने विधायक के बयान को कानून व्यवस्था के लिए खतरा बताया है, जबकि समर्थकों का कहना है कि विधायक ने ग्रामीणों के हितों की रक्षा के लिए सख्त रुख अपनाया।

फिलहाल प्रशासन पूरे मामले की रिपोर्ट मंगा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि विधायक के बयान और विजिलेंस टीम की कार्रवाई को लेकर आगे क्या कानूनी कदम उठाए जाते हैं। इस घटना ने एक बार फिर बिजली चोरी, जांच प्रक्रिया और जनप्रतिनिधियों की भूमिका को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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