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दौसा में हेल्थ डिपार्टमेंट टीम की बड़ी कार्रवाई, वीडियो में जानें चार अवैध क्लिनिक किए सील

दौसा में हेल्थ डिपार्टमेंट टीम की बड़ी कार्रवाई, वीडियो में जानें चार अवैध क्लिनिक किए सील

राजस्थान के दौसा जिले के मंडावर उपखंड क्षेत्र के गढ़हिम्मतसिंह गांव में रविवार को एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते एक अधेड़ व्यक्ति की जान चली गई। इलाज के लिए क्लिनिक पर पहुंचे मरीज को गलत इंजेक्शन लगाए जाने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद गांव में आक्रोश फैल गया और मामला स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में आते ही सोमवार को कार्रवाई की गई।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संबंधित क्लिनिक पर छापेमारी की, जहां बड़ी मात्रा में बिना अनुमति रखी गई दवाइयां, इंजेक्शन, ड्रिप और इलाज से संबंधित कई उपकरण बरामद हुए। विभाग ने तुरंत इन्हें जब्त कर पुलिस के हवाले कर दिया और झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

मरीज की मौके पर ही गई जान
रविवार को गांव का एक अधेड़ व्यक्ति पेट दर्द की शिकायत लेकर स्थानीय क्लिनिक पर पहुंचा था। वहां मौजूद व्यक्ति, जो खुद को डॉक्टर बताता था, ने मरीज को तुरंत इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगते ही मरीज की तबीयत और बिगड़ गई और कुछ ही देर में उसकी मृत्यु हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत परिजनों को सूचना दी और गांव में हड़कंप मच गया।

स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई
सोमवार सुबह मंडावर के ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम गांव पहुंची और बिना लाइसेंस व डिग्री के चल रहे क्लिनिक पर छापा मारा। जांच के दौरान वहां से कई तरह की दवाइयां, इंजेक्शन और उपचार सामग्री पाई गई, जिनके लिए कोई अधिकृत अनुमति या रजिस्ट्रेशन नहीं था।

बीसीएमओ ने बताया कि आरोपी झोलाछाप के पास किसी भी प्रकार की मेडिकल योग्यता नहीं है, बावजूद इसके वह लंबे समय से गांव में इलाज कर रहा था। विभाग ने उसे चिकित्सा अधिनियम के तहत दोषी पाया है और उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है।

ग्रामीणों की मांग — सख्त निगरानी और नियमित जांच
घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है और आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से नियमित रूप से क्लिनिकों की जांच करने और बिना लाइसेंस चिकित्सकों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस जांच जारी
पुलिस ने जब्त किए गए सामान को अपने कब्जे में ले लिया है और मृतक के परिजनों के बयान के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी झोलाछाप डॉक्टर की तलाश जारी है, जो फिलहाल फरार बताया जा रहा है।

यह घटना एक बार फिर झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर स्थिति को उजागर करती है। प्रशासनिक सख्ती और जनजागरूकता ही ऐसे मामलों को रोकने का एकमात्र समाधान है।

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