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दौसा में गर्भवती महिला की डिलीवरी को लेकर विवाद, फुटेज में देखें डॉक्टर ने परिवार के साथ की बदसलूकी

दौसा में गर्भवती महिला की डिलीवरी को लेकर विवाद, फुटेज में देखें डॉक्टर ने परिवार के साथ की बदसलूकी

राजस्थान के रामगढ़ पचवारा उप जिला अस्पताल में गर्भवती महिला की डिलीवरी को लेकर एक विवाद सामने आया है। अस्पताल में गर्भवती बहन को लेकर आए उनके भाई ने डॉक्टर पर आरोप लगाया कि उन्हें उनके व्यवहार के कारण भड़काया गया और गाली-गलौज की गई।

भाई ने बताया कि उनकी बहन को लेबर पेन ज्यादा होने पर उन्होंने डॉक्टर से डिलीवरी की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी। इसके जवाब में डॉक्टर भड़क गए और उनके हाथ से पर्ची छीनकर उन्हें धक्का दिया। इस दौरान डॉक्टर ने गाली-गलौज भी की।

भाई ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद उन्होंने यह वीडियो प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजा। वीडियो मिलने के बाद पीएमओ के अधिकारियों ने अस्पताल के चैंबर का दौरा किया और घटना की जांच की।

इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में सामने आने के बाद यह मामला काफी चर्चा का विषय बन गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि भाई और डॉक्टर के बीच वाकयुद्ध और शारीरिक विवाद हुआ।

स्थानीय लोगों और अस्पताल कर्मचारियों के अनुसार, घटना के समय अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों में काफी भारी भीड़ थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत जांच शुरू कर दी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पतालों में मरीजों और डॉक्टरों के बीच ऐसी स्थिति अक्सर तनाव और संचार की कमी के कारण उत्पन्न होती है। मरीजों और उनके परिजनों की चिंता और डॉक्टरों का व्यस्त समय कभी-कभी विवाद का रूप ले लेता है।

राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने भी मामले पर संज्ञान लिया है और जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है। विभाग का कहना है कि अस्पतालों में सहनशीलता, पेशेवर व्यवहार और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए।

भाई ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका उद्देश्य केवल बहन की सुरक्षित और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करना था। उन्होंने यह भी कहा कि वीडियो रिकॉर्ड करके उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनकी शिकायत की सच्चाई उजागर हो।

दौसा में यह मामला अस्पताल प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन के लिए एक चेतावनी भी है कि मरीजों और डॉक्टरों के बीच संपर्क और संचार की स्थिति बेहतर बनाई जाए। इसके साथ ही, डॉक्टरों को भी पेशेवर व्यवहार बनाए रखना अनिवार्य है, ताकि मरीजों और उनके परिजनों के साथ विश्वास कायम रहे।

इस घटना के बाद स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया में जनता की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। लोग इस मुद्दे पर स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, डॉक्टरों का व्यवहार और अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा के सवाल उठा रहे हैं।

रामगढ़ पचवारा उप जिला अस्पताल में हुई यह घटना स्वास्थ्य प्रशासन और सरकार के लिए मरीज-केंद्रित नीतियों को और मजबूत करने का संदेश भी देती है।

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