
दौसा शहर के रावत पैलेस में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने आपातकाल को याद करते हुए इसे काला दिवस के रूप में मनाया। इस कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा ने अपनी दर्दभरी प्रतिक्रिया दी और मौजूदा राजनीतिक हालात पर गंभीर सवाल उठाए।
जगमोहन मीणा ने कहा, "पहले लोग चने खाकर प्रचार किया करते थे, लेकिन आजकल कार्यकर्ताओं को गाड़ी में बैठने से पहले पैसा मांगना पड़ता है।" उन्होंने यह टिप्पणी करते हुए वर्तमान लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता जताई। उनके मुताबिक, लोकतंत्र का हाल अब बहुत खराब हो गया है, और ऐसे में मजबूत कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है जो त्याग और ईमानदारी के साथ राजनीति में कदम रखें।
जगमोहन मीणा ने आगे कहा, "लोकतंत्र के लिए सच्चे और ईमानदार कार्यकर्ताओं की जरूरत है। अब चुनाव लड़ने वाले कार्यकर्ता भी मना कर देते हैं।" उनका यह बयान भाजपा के भीतर कार्यकर्ताओं की ओर से एक नई सोच और कड़ी मेहनत की आवश्यकता को दर्शाता है। उनका मानना था कि पार्टी को ऐसे कार्यकर्ताओं की जरूरत है जिनमें त्याग की भावना हो और जो सिर्फ चुनाव जीतने के लिए राजनीति में न हों।
उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा के भीतर के कुछ नेता और कार्यकर्ता लोकतंत्र की स्थिति और पार्टी के भीतर की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। इस तरह के बयानों ने पार्टी के भीतर की आंतरिक चुनौतियों और बदलते कार्यकर्ता संबंधों को उजागर किया है, खासकर चुनावी माहौल में।
यह घटना भाजपा के अंदर लोकतांत्रिक मूल्यों और कार्यकर्ताओं के रिश्तों पर गहरा असर डाल सकती है, और आगे आने वाले चुनावों में पार्टी की रणनीतियों और दृष्टिकोण पर प्रभाव डाल सकती है।