
बिहार न्यूज़ डेस्क वज्रपात से दो किशोरों की हुई मौत की खबर सुनते ही कहुआ गांव में मातम छा गया. गांव के साथ-साथ अगल-बगल के गांवों के लोग भी घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े. मुशहरी गाछी मे पहुंचते ही चारों किशोरों को बेहोश देख ग्रामीण सभी को अस्पताल ले गये.
वहां इलाज के दौरान दो किशोरों के जीवित होने की जानकारी मिलते ही लोगों को राहत मिली. वहीं, दो मृत घोषित आनंद सहनी व नीतीश कुमार राम को घर पर लाया गया. लोगों को यह विश्वास नहीं हो रहा था कि नीतीश कुमार मृत है. सभी लोग तेल मालिश कर अस्पताल के चिकित्सकों के बारे में अनाप-शनाप बोलने लगे. करीब दो घंटे तक चले हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद होश नहीं आने पर ग्रामीण चिकित्सक ने उसे जोच के बाद मृत घोषित कर दिया.
तीन बहनों में इकलौता भाई आनंद की मौत से घर का चिराग ही बुझ गया. मां हिन्द देवी पुत्र के शव पर लोट-लोटकर विलाप करते बेहोश हो जाती थी. पिता आशोक सहनी का हाल बुरा देख लोगों की भीड़ उन्हें ढाढस बंधाने में जुटी थी. मृतक की फुआ पवन देवी का रुदन देख लोगों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था. वह बस इतना कह रही थी कि भगवान ने तीन बेटियों के बाद मेरे भाई को एक बेटा दिया था, उसे भी छीनकर परिवार को अनाथ कर दिया. इधर, एक साथ दो मित्रों की मौत होने से गांव के प्रत्येक परिवार के सदस्य दोनों मृतकों के घर पहुंचकर बस इतना कह रहे थे कि कहुआ गांव के लिए मंगल का दिन अमंगल हो रहा.
नीतीश अपनी दादी लालपरी देवी व बड़ी बहन सोनी की देखरेख में गांव में ही रहता था. नीतीश मौत की खबर सुनते ही पिता लड्डू राम, मां पूनम देवी, बड़े पुत्र दिलखुश एवं छोटी पुत्री संतोषी के साथ गांव के लिए रवाना हो गये. 80 वर्षीया लालपरी देवी के विलाप से लोगों का हृदय छलनी हो रहा था. वह बस इतना ही कह रही थी कि बेटे की अमानत पोता को भगवान ने छीन लिया.
चंडीगढ़ से आ रहे माता-पिता को अब क्या जवाब देंगे.
दरभंगा न्यूज़ डेस्क