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Darbhanga ग्रामीणों ने पुलिसकर्मी को पीटा, वाहन चेकिंग के दौरान जवान ने बाइक सवार का सिर फोड़ा, लोगों का फूटा गुस्सा

बिलासपुर :में गुंडागर्दी:गांजा पीने से मना किया तो युवकों ने जमकर पीटा, अस्पताल ले जाने लगे तो फिर मारपीट की; बहन बीच-बचाव करने आई तो उसे भी मारा
 

बिहार न्यूज़ डेस्क अतरवेल जाले पथ पर सनहपुर पुलिस पीकेट के पास वाहन चेकिंग कर रही सिंहवाड़ा पुलिस ने लाठी चला कर एक बाइक सवार का सिर फोड़ दिया. जख्मी जाले थाना क्षेत्र के नरौछ बिहारी निवासी बाइक सवार जीवछ राम के सिर से खून टपकता देख वहां मौजूद राहगीर एवं ग्रामीण आक्रोशित हो गए. इसके बावजूद पुलिस उल्टे डराने की कोशिश करने लगी. फिर क्या था लोगों ने डंडा चलाने वाले पुलिस की पिटाई शुरू कर दी.


पिटाई होते देखा जान बचाकर पुलिसकर्मी पुलिस पीकेट के भीतर घुस गए और ग्रिल को बंद कर लिया. पुलिस की कार्यवाही के खिलाफ बड़ी संख्या में आक्रोशित लोग पुलिस पीकेट पर जमा हो गए. अतरवेल जाले पथ को पुलिस पिकेट के सामने ही जाम कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. ग्रामीण वाहन चेकिंग के नाम पर राहगीरों एवं आसपास के खेतों में बाइक से काम करने आने बाले किसानों से अवैध वसूली के आरोप लगाकर आक्रोश प्रगट कर रहे थे. जख्मी बाइक सवार जीवझ राम ने बताया कि वह अपने बाइक से भरवाड़ा बाजार पर्व का सामान खरीदने जा रहा था. सनहपुर पुलिस पीकेट के पास जैसे ही पहुंचा कि वाहन चेकिंग कर रही पुलिस ने रुकने का इशारा किया. वह रूका ही था कि पुलिस ने उसके बाइक की चाबी छीन ली. जैसे ही उसने पूछा कि अपने बाइक की चाबी क्यों निकाली. पुलिसिया रौब दिखाते हुए पुलिस ने ताबड़तोड़ लाठी चलानी शुरु कर दी. इसी बीच उसका सिर फट गया. खून बहता देख लोगों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश बढ़ गया और लोग पुलिस से उलझ गए. जान बचाने के लिए पुलिस पीकेट में घुसकर ग्रिल बंद कर ली. लेकिन लोग ग्रिल तोड़ने पर आमदा हो गए. ग्रिल में हाथ घुस कर पुलिस को पीटने की कोशिश महिलाएं भी कर रही थीं. मौके पर पहुंचे मानवाधिकार आयोग के मनोहर झा, स्थानीय प्रतिनिधि अजय कुमार झा सहित स्थानीय पत्रकारों ने आक्रोशित लोगों को समझा बूझकर मामला शांत करना चाहा कि इसी बीच चकौती निवासी बाइक सवार पुलिस से दस हजार रुपये मांगने लगा. उसने बताया कि उसके पास हेलमेट नहीं था तो पुलिस ने दस हजार रुपये फाइन किया. पैसा रख लिया और रसीद भी नहीं दिया. इतना सुनते ही लोग दोबारा आक्रोशित हो गये. ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस यहां वसूली का धंधा बनाकर रखी है. वाहन में किसी तरह के कागजात की कमी होती है तो उसे थाना पर नहीं ले जाकर चौक के आसपास गाड़ी को डिटेन किया जाता है और अवैध वसूली होने के बाद ही छोड़ जाता है. घटना की जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष शैलेश कुमार दल बल के साथ मौके पर पहुंच गए. पुलिस एवं गणमान्य लोगों ने समझा बूझा कर मामला शांत कराया. तब जाकर पुलिस क्रिकेट में छुपे पुलिस कर्मियों को जान में जान आयी. थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.

दरभंगा न्यूज़ डेस्क
 

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