बिहार न्यूज़ डेस्क निजी विद्यालय वाले अभिभावकों से उनके बच्चों आधुनिक शिक्षा व तकनीकी से माध्यम से शिक्षा प्रदान करने की बात कहते है. इसके लिए हर स्कूल में वाईफाई व प्रोजेक्टर भी लगाया जा रहा है. हर निजी विद्यालय में कंप्यूटर लैब बने हुये है. जिसके एवज में अभिभावकों से मोटी रकम वसूलने में स्कूल प्रबंधन पीछे भी नहीं रहता है. परंतु सुरक्षा के मानक पर निजी स्कूल फिसड्डी साबित हो रहे है. अधिकत्तर निजी स्कूलों में आग से बुझाने का सिलिंडर या यंत्र नहीं है. जबकि शार्टसर्किट के माध्मय से आग कभी भी भंयकर रूप ले सकती है. बड़े बच्चे अपना बचाव कर सकते है. परंतु छोटे मासूम बच्चे इसकी चपेट में आ सकते है.
मिली जानकारी के अनुसार डुमरांव अनुमंडल के मात्र 12 व बक्सर अनुमंडल के प्राईवेट स्कूलों ने अग्निशमन से अनापत्ति प्रमाण लिया है. अग्निशमन पदाधिकारी सत्यदेव प्रसाद ने बताया कि निजी स्कूल से संपर्क स्थापित कर अनापत्ति प्रमाण लेने के लिए कई बार कहा गया है. परंतु कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है. अनापत्ति प्रमाण देने से पूर्व अग्निशमन विभाग के अधिकारी स्कूल का दौरा करते है. सभी मानकों देखते है. इसके बाद अनापत्ति प्रमाण दिया जाता है.
318 निजी स्कूलों ने किया है ऑनलाइन अप्लाई शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 318 निजी स्कूलों ने अपने रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया है. जिसमें से 118 का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. 33 का आवेदन रद्द हो चुका है. शेष अभी प्रक्रिया में है. इसमें से अधिक स्कूल आधूनिक तरीके से बनाये गये है. लगभग हर स्कूल में अपना एक छोटा सा किचन है. जिसमें स्कूल के स्टॉफ के लिए चाय पानी नास्ता बनता है. इन स्कूलों में कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के साथ एसी भी लगाया है. ऐसे में यहां आग से बचाव के उपकरण बेहद जरूरी है.
कम से कम तीन हजार का आता है सिलिंडर
मिली जानकारी के अनुसार आग बुझाने के लिए सिलिंडर की कीमत कम से कम तीन हजार रुपये की होती है. यह इसके लिए अलग-अलग वेंडर होते है. इसमें एक ड्राई केमिकल का सिलिंडर होता है. इसकी कीमत सबसे कम तीन हजार रुपये की होती है. इसे हर साल भरवाना पड़ता है. इसके बाद सीओ-2 सिलिंडर आता है. यह कम से कम सात हजार रुपये का आता है. यह लंबे समय तक चलता है. इसके बाद अन्य कई तरह के आते है.
दरभंगा न्यूज़ डेस्क