Darbhanga झमाझम बारिश से फसलों को फायदा, किसान निहाल, आम और लीची की फसल को भी होगा लाभ, खेतों में नमी लौटने से धान के बिचड़े गिराने में भी किसानों को होगी सुविधा

बिहार न्यूज़ डेस्क जिले के कई इलाकों में की सुबह ऐसे समय पर अच्छी बारिश हुई जब किसानों को गरमा फसल और आने वाली खरीफ फसल के लिए पानी की जरूरत थी. इस बारिश से किसान निहाल हो उठे हैं. लोगों को उमसभरी गर्मी से भी निजात मिली.
जाले प्रखंड क्षेत्र के चंदौना, जोगियारा मुरैठा, धनकौल, मस्सा, जाले, राढ़ी, रतनपुर, ब्रह्मपुर आदि गांवों में किसानों ने विभिन्न परियोजनाओं के अलावा निजी तौर पर गरमा फसल के रूप में मूंग, तिल, मरुआ, कौनी आदि की खेती की है. इन फसलों के लिए सिंचाई की सख्त जरूरत थी. जोगियारा के किसान भोला प्रसाद सिंह, उमाशंकर सिंह, आश नारायण सिंह, रामकुमार सिंह, गौरी शंकर सिंह, रामशरण दास, भरोस दास, गोनी मंडल, कृष्ण कुमार सिंह, राम दिनेश मंडल, मो. शगीर आदि का कहना है कि बारिश ने गरमा फसल में जान फूंक डाली है और इससे किसानों की जेब का भरपूर पैसा बचा है.
दूसरी ओर आम और लीची खासकर आम के फल के धुल जाने और पेड़ की जड़ में सिंचाई हो जाने से गुणवत्तापूर्ण उत्पादन होने की बात बताई जा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि अब क्षेत्र के किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट जाएंगे. उन्हें धान की खेती के लिए अब खेतों में बिचड़े गिराने की आवश्यकता है. इसके लिए खेतों में अब नमी का रहना अधिक जरूरी है. इस बारिश ने खेतों में अच्छी-खासी नमी ला दी है. अब इस बारिश के सहारे किसान बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रभेदों के धान के बिचड़े की नर्सरी लगाने की तैयारी शुरू कर देंगे. इतना ही नहीं, यह बारिश सब्जी उत्पादक किसानों के लिए भी काफी असरदार साबित हुआ है.
जेठ मास में गुलाबी ठंड ने दी दस्तकघनश्यामपुर. प्रखंड क्षेत्र में की सुबह आठ बजे के करीब तेज हवा के साथ हुई बारिश से किसानों को फायदा हुआ है. दोपहर 12 बजे तक हल्की बूंदाबांदी होती रही. दिनभर बादल छाए रहने तथा तेज हवा चलने से जेठ मास की दोपहरी में लोग गुलाबी ठंड के एहसास से रोमांचित होते रहे.
बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड की दस्तक से बुजुर्गों तथा बच्चों को गरम कपड़े की जरूरत महसूस होने लगी है.
दरभंगा न्यूज़ डेस्क