बिहार न्यूज़ डेस्क सरकार भले ही सरकारी अस्पतालों में निशुल्क बेहतर सुविधा मरीजों को उपलब्ध कराने की बात करती हो लेकिन जमीनी हकीकत देखनी हो तो अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मलयपुर आइए. यहां सुविधा के नाम पर होमियोपैथिक डाक्टर अंग्रेजी दवा लिखते मिलेंगे तो महिला रोगियों को एएनएम, आशा या फिर कई अन्य सलाह भी देते मिल जाएंगे. यहां रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर एक रुपए की जगह 5 रुपए की खुलेआम वसूली भी होते देख पाइएगा. और सब कुछ जानते भी वरीय अधिकारी मौन हैं तो अंदाजा लगा सकते हैं कि इलाज के नाम पर गरीबों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
ग्रामीणों की शिकायत पर जब एक गणमान्य वहां इलाज कराने रजिस्ट्रेशन खिड़की पर गए तो डाटा आपरेटर दो का सिक्का देखकर भड़क गया तथा 5 रुपए के सिक्के की मांग की. गणमान्य द्वारा जब उनसे पूछा गया कि रजिस्ट्रेशन शुल्क में बढ़ोतरी हो गई है तो उन्होंने जवाब दिया कि 1- 2 रुपए के सिक्के चलते भी नहीं हैं और 5 रुपए तो तीन साल से ले रहे हैं. 5 रुपए दोगे तो पर्ची कटेगी नहीं तो नहीं. फिर गणमान्य ऑन डयूटी तैनात आयुष डॉक्टर विनोद कुमार शर्मा से पूछते हैं कि सर रजिस्ट्रेशन शुल्क में वृद्धि हो गई है तो डाक्टर ने जवाब दिया कि 1- 2 रुपए बैंक नहीं लेता है इसलिए 5 रुपए लिया जाता है. इसके साथ ही उन्होंने कुछ अमर्यादित टिप्पणी भी की. गणमान्य द्वारा सारी बातों की रिकार्डिंग कर ली. हालांकि इस रिकॉर्डिंग की हिन्दुस्तान पुष्टि नहीं करता है. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि कर्मियों की मनमानी कितनी चरम सीमा पर पहुंच गई है. अब सरकारी कर्मी ही सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाएगा तो गरीब क्या कर सकता है.
जिलाधिकारी का आदेश हुआ बेअसर: डीएम राकेश कुमार ने य्1 और 2 का सिक्का नहीं लेने वाले बैंक तथा दुकानदार पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही थी. लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मलयपुर में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों पर जिलाधिकारी का आदेश भी बेअसर हो गया.
दरभंगा न्यूज़ डेस्क

