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Darbhanga मधुमक्खी पालन के लिए कम जगह की होती है जरूरत

प्राचीन युग में भी किया जाता था मधुमक्खी पालन, यहां मिले हैं सबूत

बिहार न्यूज़ डेस्क बहादुरपुर स्थित संयुक्त कृषि भवन परिसर में  आत्मा की ओर से मधुमक्खी पालन विषय पर  दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया.

डीएओ सह परियोजना निदेशक आत्मा विपिन बिहारी सिन्हा ने कहा कि मधुमक्खी पालन के लिए इससे संबंधित विस्तृत जानकारी होना जरूरी है. मधुमक्खी पालन करने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं है. कम जगह में मधुमक्खी का बक्सा रखकर मधु उत्पादन किया जा सकता है. प्रक्षेत्र की सहायक निदेशक नगमा सदाफ ने मधुमक्खी पालन में लाभ एवं लागत मूल्य की विस्तृत जानकारी दी. उद्यान के सहायक निदेशक नीरज कुमार झा ने प्रशिक्षण लेने वाले किसानों को मधुमक्खी पालन से सम्बंधित योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों को प्रति बक्सा पर अनुदान दिया जाता है. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी हरि मोहन मिश्रा ने मधुमक्खी पालन के मुख्य उद्देश्य व प्रशिक्षण से संबंधित विस्तृत जानकारी दी. मौके पर उप परियोजना निदेशक अंबा कुमारी, सहायक तकनीकी प्रबंधक सुरेंद्र कुमार, सुमन कुमार, संजीत कुमार, आकाश कुमार, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी अलीनगर सहित प्रशिक्षण लेने वाले किसान मौजूद थे.

बाल पर्यवेक्षण गृह में जागरूकता शिविर आयोजित

जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार विनोद कुमार तिवारी के निर्देश पर प्राधिकार के सचिव रंजन देव के मार्गदर्शन में बाल पर्यवेक्षण गृह में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. किशोर न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश बृजनाथ ने कहा कि बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए संविधान में वर्णित कानूनों में उन्हें कई महत्वपूर्ण अधिकार प्रदान किए गए हैं और उनके हितों का संरक्षण प्रदान किया गया है. पैनल अधिवक्ता डॉ. माधव कुमार लाभ ने किशोर न्याय नियम के बारे में जानकारी दी. इस अवसर पर पर्यवेक्षण गृह के अधीक्षक डेजी कुमारी, बसंत ठाकुर, पीएलवी रमेश कुमार पासवान आदि मौजूद थे.

 

दरभंगा न्यूज़ डेस्क

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