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चूरू में हुआ बड़ा हादसा, जननी एक्सप्रेस का चालक शराब के नशे में था धुत, मेडिकल स्टोर में घुसी गाडी 

चूरू के सरदारशहर गर्भवती महिलाओं को घर से नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने वाली राजस्थान सरकार की 104 जननी एक्सप्रेस का ड्राइवर अगर शराब के नशे में होगा तो गर्भवती महिलाओं की जान कैसे सुरक्षित रहेगी........
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चूरू न्यूज़ डेस्क !!! चूरू के सरदारशहर गर्भवती महिलाओं को घर से नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने वाली राजस्थान सरकार की 104 जननी एक्सप्रेस का ड्राइवर अगर शराब के नशे में होगा तो गर्भवती महिलाओं की जान कैसे सुरक्षित रहेगी. ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सरदारशहर में सामने आया है, जहां 104 जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस के नशे में धुत ड्राइवर ने पहले तो एंबुलेंस को मुख्य बाजार में दौड़ाया और आखिर में गांधी चौक के पास एक घोड़ा गाड़ी से टक्कर मार दी

स्थानीय लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी

1 मेडिकल स्टोर में घुस गया. गनीमत यह रही कि जब एंबुलेंस घोड़ागाड़ी से टकराई तो एंबुलेंस में डिलीवरी नहीं हुई। हादसे के बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई और स्थानीय लोगों ने हादसे की जानकारी पुलिस को दी. मौके पर पहुंचे हेड कांस्टेबल प्रताप सिंह ने नशे में धुत चालक को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।

एंबुलेंस चालक नशे में था

जहां चिकित्सक चंदनमल मोटसरा ने घायल चालक का प्राथमिक उपचार किया, चिकित्सक ने बताया कि घायल व्यक्ति शराब के नशे में था. हैड कांस्टेबल प्रतापसिंह ने बताया कि गश्त के दौरान सूचना मिली कि एक एम्बुलेंस चालक एम्बुलेंस लेकर चिकित्सा कर्मियों को मार रहा है, जब वे मौके पर पहुंचे तो एम्बुलेंस मेडिकल में घुस चुकी थी और एम्बुलेंस चालक नशे में था।

एंबुलेंस को जब्त कर लिया गया

चालक की नाक पर चोट आई और एंबुलेंस चालक की तरफ से क्षतिग्रस्त हो गई, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चालक का मेडिकल करवाया और चालक हरपालसर निवासी अजयपाल सिंह राठौड़ को एमवी एक्ट की धारा 185 के तहत गिरफ्तार किया गया है. और एम्बुलेंस की घेराबंदी कर दी गई है.

लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए

उन्होंने कहा कि गनीमत रही कि एंबुलेंस पूरी तरह से मेडिकल दुकान में घुस गई, नहीं तो वहां बड़ा हादसा हो सकता था, पूरे हादसे में गौर करने वाली बात यह है कि अगर ऐसी सरकारी गाड़ियां होती हैं जिनका इस्तेमाल आम लोग आपात स्थिति के दौरान करते हैं अगर उनके ड्राइवर शराब के नशे में रहते हैं तो यह मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

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