चूरू में छात्र के साथ बर्बरता, वीडियो में देखें 11वीं के छात्र को प्रिंसिपल और 5 शिक्षकों ने पीटा, हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती
राजस्थान के चूरू जिले से शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां 11वीं कक्षा के एक छात्र को स्कूल के प्रिंसिपल और पांच शिक्षकों ने मिलकर बेरहमी से पीट दिया। मारपीट के बाद छात्र की हालत बिगड़ गई और रात में उसे खून की उल्टियां होने लगीं। घटना का वीडियो सामने आने के बाद मामला और गंभीर हो गया है। पीड़ित छात्र के पिता ने गुरुवार को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
घटना राजगढ़ कस्बे के लॉर्ड्स इंटरनेशनल स्कूल की है, जहां बुधवार दोपहर करीब 2 बजे यह वारदात हुई। जानकारी के अनुसार, किसी बात को लेकर छात्र को स्कूल स्टाफ ने कार्यालय में बुलाया, जहां पहले उससे पूछताछ की गई और फिर अचानक उसके साथ मारपीट शुरू कर दी गई। आरोप है कि स्कूल के प्रिंसिपल और पांच शिक्षकों ने छात्र को घेरकर थप्पड़ मारे और पीठ पर डंडों से वार किए।
मारपीट के बाद छात्र किसी तरह घर पहुंचा और परिजनों को आपबीती बताई। शाम होते-होते उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और रात में उसे खून की उल्टियां होने लगीं। परिजन घबरा गए और बच्चे का इलाज करवाया। गुरुवार सुबह जब परिजन स्कूल पहुंचे और स्टाफ से बात करने की कोशिश की, तो आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने बातचीत से साफ इनकार कर दिया।
इस पूरे मामले का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसने स्कूल प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि दो शिक्षक छात्र को थप्पड़ मार रहे हैं और उसकी पीठ पर वार कर रहे हैं, जबकि प्रिंसिपल और अन्य शिक्षक बच्चे को पकड़े हुए नजर आ रहे हैं। छात्र खुद को बचाने की कोशिश करता दिख रहा है, लेकिन कोई उसकी मदद नहीं करता।
वीडियो सामने आने के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है। छात्र के पिता ने गुरुवार को राजगढ़ थाने में स्कूल के प्रिंसिपल सहित कुल छह स्टाफ सदस्यों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि शिक्षकों ने मिलकर उनके बेटे के साथ अमानवीय व्यवहार किया, जिससे उसकी जान को खतरा पैदा हो गया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वीडियो फुटेज को जांच में शामिल किया गया है और छात्र के मेडिकल रिपोर्ट भी मंगवाई जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा और शिक्षकों के आचरण पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षा विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि ऐसे मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में किसी भी छात्र के साथ इस तरह की हिंसा न हो।

