Chittorgarh में सांवलियाजी दर्शन को जा रहे यात्री से चाकू की नोंक पर लूट, FIR कराने में काटे दो थानों के चक्कर

धार्मिक आस्था से ओतप्रोत तीर्थयात्रियों के लिए चित्तौड़गढ़ का रास्ता अब सुरक्षित नहीं रहा। आशावरमाताजी से सांवलियाजी की तीर्थयात्रा पर गए पांच तीर्थयात्रियों में से एक के साथ चाकू की नोक पर लूट का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बाइक सवार तीन अज्ञात बदमाशों ने तीर्थयात्री से मारपीट कर उसका मोबाइल छीन लिया और फरार हो गए। पीड़ित ने पुलिस से शरण मांगी तो उसे दो थानों के चक्कर लगाने पड़े, जिसके बाद ही रिपोर्ट दर्ज हो सकी।
तरजेला गांव के पास हुई घटना
जानकारी के अनुसार घटना मंगलवार की बताई जा रही है, जब खोडीप गांव निवासी मनोज कुमार पुत्र चेनाराम कुमावत अपने चार साथियों हरीश, पवन, कन्हैयालाल और शुभम के साथ सांवलियाजी के दर्शन के लिए तीर्थयात्रा पर निकले थे। आशावरमाताजी से थोड़ी दूर तरजेला गांव पहुंचते ही बिना नंबर प्लेट की बाइक पर तीन अज्ञात युवक वहां आए।
इसके बाद बदमाशों ने मनोज पर लकड़ी के डंडे से हमला किया और फिर चाकू निकालकर उसकी गर्दन पर लगा दिया। इसके बाद उन्होंने मनोज का मोबाइल छीन लिया और तेजी से भाग गए। उस समय उसके साथी थोड़ी दूर पर ही पैदल चल रहे थे और पास में ही प्रतापगढ़ के कुछ राहगीर भी मौजूद थे, जो मनोज की चीख सुनकर उसके पास पहुंचे। मनोज ने बताया कि तीनों आरोपियों ने अपने चेहरे कपड़े से ढके हुए थे, जिससे उनकी पहचान नहीं हो सकी।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
घटना के तुरंत बाद मनोज ने 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। साथ ही मंडफिया और खरेसर थाने को भी सूचना दी। लेकिन इसके बाद जो हुआ, उससे पुलिस की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े हो गए।
मनोज को पहले मंडफिया थाने भेजा गया, जहां से उसे यह कहकर वापस भेज दिया गया कि यह मामला उसके क्षेत्र का नहीं है। इसके बाद वह खरेसर थाने पहुंचा, लेकिन वहां भी उसे वापस मंडफिया भेज दिया गया और बताया गया कि घटना का क्षेत्र मंडफिया थाने में आता है। कई घंटों की मशक्कत और भागदौड़ के बाद आखिरकार मंडफिया थाने में उसकी रिपोर्ट दर्ज की गई।