सांवलिया सेठ मंदिर में एमपी से आये श्रद्धालु से मारपीट, सिक्योरिटी गार्ड पर बदसलुकी का आरोप, फुटेज में जाने क्या है पुरा मामला?
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया स्थित प्रसिद्ध सांवलिया सेठ मंदिर में एक बार फिर श्रद्धालु के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। इस घटना ने मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था और निजी सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि मंदिर में तैनात प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी टाइगर फोर्स के एक गार्ड ने एक श्रद्धालु के साथ बेरहमी से मारपीट की, जिससे उसकी नाक से खून बहने लगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना रविवार रात की बताई जा रही है। मध्य प्रदेश के नीमच जिले के कुकड़ेश्वर निवासी प्रियांशु मालवीय सांवलिया सेठ मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे। दर्शन के बाद वह मंदिर परिसर में बने कॉरिडोर में फोटो और वीडियो बना रहे थे। इसी दौरान वहां तैनात एक सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें ऐसा करने से रोका। इस बात को लेकर श्रद्धालु और गार्ड के बीच कहासुनी हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बहस बढ़ते-बढ़ते अचानक मारपीट में बदल गई। आरोप है कि गार्ड ने श्रद्धालु को थप्पड़ और मुक्कों से पीटना शुरू कर दिया। मारपीट इतनी ज्यादा हो गई कि प्रियांशु मालवीय की नाक से खून बहने लगा और वह मौके पर ही घायल हो गए। घटना के बाद मंदिर परिसर में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
श्रद्धालु के साथ हुई इस घटना से वहां मौजूद अन्य भक्त भी आक्रोशित हो गए। लोगों ने गार्ड के व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए मंदिर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की। घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय लोग और मंदिर से जुड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला।
बताया जा रहा है कि मंदिर में फोटो और वीडियो बनाने को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं। हालांकि, श्रद्धालुओं का कहना है कि नियमों की जानकारी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित नहीं की जाती और गार्ड अक्सर सख्ती के नाम पर अभद्र व्यवहार करते हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि श्रद्धालुओं की आस्था की जगहों पर सुरक्षा के नाम पर हिंसा किस हद तक जायज है।
फिलहाल घायल श्रद्धालु की हालत स्थिर बताई जा रही है। उसने इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है। वहीं मंदिर प्रशासन की ओर से कहा गया है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और यदि गार्ड दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सांवलिया सेठ मंदिर में पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ऐसे में लगातार हो रही घटनाओं ने प्रशासन की कार्यशैली और निजी सुरक्षा एजेंसियों की ट्रेनिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालुओं ने मांग की है कि मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को मानवीय और व्यवस्थित बनाया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

