हरियाणा न्यूज़ डेस्क, स्मार्ट सिटी में निर्धारित जगहों पर एक साल बाद भी पार्किंग स्थल विकसित नहीं किया जा सका है. जिला प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही का फायदा पार्किंग माफिया उठा रहा है. वह खाली पड़ी सरकारी जमीन पर बिना रोक-टोक अवैध पार्किंग का धंधा चला रहे हैं.
वाहन चालकों से मनमाना पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है. इससे सरकार को राजस्व को नुकसान होना लाजमी है. को पकड़ी गई आवेश पार्किंग इसकी तस्दीक करती है. पिछले साल जुलाई-अगस्त में पुलिस ने ट्रै़िफक व्यवस्था को लेकर पार्किंग स्थल के लिए सर्वे किया था. इस दौरान शहर में ऐसी जगह चिन्हित की गई थी, जहां सरकारी जमीन पर पार्किंग बनाई जा सकती थी. एनआईटी नम्बर तीन का दशहरा मैदान भी इसमें शामिल था. बहरहाल, पुलिस ने यह सर्वे रिपोर्ट नगर निगम, एफएमडीए सहित अन्य सरकारी.विभागों के साथ सांझा की थी. तय किया था कि नगर निगम स्कूलों के अनुपयोगी ग्राउंड, नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की खाली पड़ी जमीन के अलावा निजी संपत्तियों को पार्किंग के लिए उपयोग करेगी.
इस बाबत यातायात पुलिस ने व्यस्त सड़कों का ब्योरा दिया गया था, जहां पार्किंग की अधिक आवश्यकता थी. बताया गया था कि ओल्ड फरीदाबाद मार्केट, एनआईटी एक नंबर, दो नंबर, तीन नंबर, पांच नंबर, सराय ख्वाजा मार्केट, केएल महता रोड, बीके नीलम चौक रोड, हार्डवेयर प्याली रोड, सेक्टर-12, , सहित अनेक सड़कों पर गाड़ियां अवैध रूप से खड़ी होती हैं. निगम की वैध पार्किंग नहीं बनाई गई है, जिस कारण पार्किंग माफिया सड़क पर लोगों की गाड़ियां खड़ी करवा कर पैसे भी वसूलते हैं. इससे जाम की स्थिति बनी रहती है और अन्य लोगों के परेशानी होती है.
शहर में बढ़ रही वाहन चोरी की वारदातें
सड़कों पर वाहनों के पार्क होने से चोरी की वारदातें लगातार बढ़ रही है. चोर सड़क किनारे पार्क वाहनों को आसानी से चुरा रहे हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम की लचर कार्यप्रणाली से उन्हें सड़क पर वाहन पार्क करना पड़ रहा है.
चंडीगढ़ न्यूज़ डेस्क !!!