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Chandigarh आधे से अधिक जरूरतमंदों को व्हीलचेयर और चश्मा तक मयस्सर नहीं
 

Chandigarh आधे से अधिक जरूरतमंदों को व्हीलचेयर और चश्मा तक मयस्सर नहीं


हरियाणा न्यूज़ डेस्क, चश्मा, लाठी, व्हीलचेयर, सुनने की मशीन जैसी सहायक तकनीक लोगों को स्वस्थ और सम्मानित जीवन जीने में सक्षम बनाती है. लेकिन गंभीर समस्याओं से जूझने के बावजूद देश में 52.3 फीसदी बुजुर्गों, महिलाओं तथा गांव में रहनेवाले लोगों को ये जरूरी चीजें नहीं मिल पा रही हैं. यानी ये इन चीजों के बिना ही जीवन गुजार रहे हैं.
आठ हजार से ज्यादा लोगों पर अध्ययन किया देश भर में 8486 व्यक्तियों पर किए गए अध्ययन से यह खुलासा हुआ है. एम्स दिल्ली, स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले डायरेक्ट्रेट जेनरल हेल्थ सर्विसेज, केआईआईटी भुवनेश्वर सहित अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया अध्ययन लैंसेट जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

देश में 31.8 फीसदी लोगों के साथ कोई न कोई समस्या अध्ययन से मिली जानकारी के अनुसार, देश में 31.8 फीसदी लोग किसी न किसी समस्या से जूझ रहे हैं. यानि उन्हें देखने, सुनने, चलने-फिरने या अन्य तरह की दिक्कतें हैं. जिनमें 6.3 फीसदी लोगों को गंभीर कठिनाइयां थीं. मुश्किलों को झेल रहे 27.8 फीसदी लोगों को सहायक तकनीक की जरूरत थी. लेकिन ये पूरी नहीं हो पा रही हैं. देश में इस तरह का यह पहला अध्ययन है.
बाधाएं प्रतिशत
खर्च नहीं उठा सकते 36.9
सहयोग की कमी 15.9
समय की कमी 19.8
परिवहन की सुविधा नहीं/ बहुत दूर 4.8
उपयुक्त नहीं 5.6
शर्म,झिझक 5.6
जानकारी नहीं 3
उपलब्ध नहीं 4.5
अन्य 2.8
सबसे अधिक उपयोग चश्मे का
देश में लोग सबसे अधिक 20 फीसदी चश्मे का उपयोग कर रहे हैं. यानी देखने में लोगों को सबसे अधिक दिक्कतें आ रही हैं. इसके बाद चलने फिरने के लिए लाठी, तिपाई इत्यादि का उपयोग लोग कर रहे हैं. तीसरे स्थान पर रीढ़ की हड्डी से संबंधित दिक्कतों के लिए स्पाइनल ऑर्थोज तथा वॉकर का स्थान है.
स्त्रत्तेत प्रतिशत
निजी क्षेत्र 7.3%
दोस्त व परिवार से उधार 23.5%
सरकारी क्षेत्र 4.9%
एनजीओ 2.6%
नहीं पता 0.5
सामानों के न होने में खर्च सबसे बड़ी बाधा
अध्ययन के अनुसार लोगों को सहायक तकनीक की काफी जरूरत थी लेकिन उन्हें वे चीजें नहीं मिलीं क्योंकि इसके लिए उन्हें काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं. यह सबसे बड़ी बाधा है. दो तिहाई लोग खुद के खर्च से सामान खरीद रहे हैं. एक चौथाई, 23.5लोगों ने मित्रों या परिवार से उधार लिया. सिर्फ 4.9 ने ही सार्वजनिक क्षेत्र से उत्पाद हासिल किए. 40.5 फीसदी लोगों को सेवाओं को प्राप्त करने के लिए 6 किलोमीटर से 25 किलोमीटर तक की यात्रा करनी पड़ी.

चंडीगढ़ न्यूज़ डेस्क !!!
 

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