Chandigarh अच्छे मानसिक स्वास्थ्य की है परीक्षा, 7-9 घंटे की लें नींदनींद के घंटों में कटौती न करें

हरियाणा न्यूज़ डेस्क, जब पढ़ाई में बोरियत महसूस होने लगे तो अपनी पसंद का कोई भी काम करें, जैसे म्यूजिक सुन सकते हैं. अपने मनपसंद व्यक्ति से बात कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि किसी काम के लिए नियम न बनाएं, नहीं तो उन्हें पूरा करने का दबाव हो सकता है. इसलिए जो मन को अच्छा लगे वह काम करें.
परीक्षा के इन दिनों में बच्चों पर पढ़ाई का दबाव रहता है. परीक्षा का सिलेबस पूरा करने के लिए घंटों किताबों और नोट्स में आंखें गड़ाए बच्चे खुद को थका हुआ और बोझिल भी महसूस करने लगते हैं. यदि सही तरीके से पढ़ाई की रणनीति बनाई जाए तो न केवल समय पर पाठ्यक्रम पूरा होगा, बल्कि दिमाग भी सक्रिय बना रहेगा. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपयोगी टिप्स-
आमतौर पर यह माना गया है कि 30 से 45 मिनट तक की सिटिंग में दिमाग की एकाग्रता अच्छी होती है, इसके बाद एकाग्रता में कमी आने लगती है. इसलिए छोटे-छोटे ब्रेक लें. परीक्षा के दबाव में नींद के घंटों में कमी न करें. परीक्षा के दिनों में भी 7-9 घंटे की नींद अवश्य लें.
हर व्यक्ति की क्षमता अलग होती है. दूसरों के पढ़ने के तरीकों पर ध्यान न दें, बल्कि अपनी क्षमता के अनुसार पढ़ने का समय तय करें. किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ब्रेन की एक क्षमता होती है. इसके बाद दिमाग को आराम की जरूरत होती है. इस अंतराल से दिमाग ज्यादा सक्रिय होगा.
समस्या साझा करें
अपनी क्षमता को पहचानकर पढ़ाई की योजना बनाएं. अपने परिवार के सदस्यों से बातचीत करें. जब आप अपनी समस्या साझा करते हैं तो इससे आपको अच्छी सलाह मिलेगी और आत्मविश्वास बढ़ेगा. साथ ही सीनियर्स और टीचर्स से बात कर सपोर्ट सिस्टम बनाएं.
स्वस्थ हो दिनचर्या - परीक्षा अच्छे मानसिक स्वास्थ्य की है, तभी आप पुरानी चीजों को याद रख पाएंगे. इसलिए दिनचर्या भी महत्त्वपूर्ण है.
डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी, मनोचिकित्सक, भोपाल
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