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Chandigarh रक्षा मंत्रालय और वायु सेना प्रमुख को एयरफोर्स भर्ती में लैंगिक भेदभाव करने पर जारी हुआ नोटिस, HC ने मांगा जवाब

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चंडीगढ़ न्यूज डेस्क।। भारतीय वायुसेना के ग्राउंड ड्यूटी स्टाफ के 279 पदों की भर्ती में पुरुषों के लिए 89 फीसदी आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रक्षा मंत्रालय और वायुसेना प्रमुख को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने दोनों को लैंगिक भेदभाव और संविधान में प्रदत्त समानता के अधिकार पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

देश की सेना में महिला अधिकारियों के पहले बैच में शामिल रहीं पटियाला निवासी कैप्टन सुखजीत पाल कौर सानेवाले ने याचिका दायर करते हुए हाई कोर्ट को बताया कि भारतीय वायु सेना ने 279 ग्राउंड स्टाफ पदों के लिए भर्ती निकाली थी. इस भर्ती में सीधे तौर पर लैंगिक भेदभाव किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने कहा कि कुल 279 पदों में से 89 फीसदी पद पुरुषों के लिए आरक्षित हैं जबकि महिलाओं के लिए केवल 11 फीसदी पद ही उपलब्ध हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि संविधान के मुताबिक सभी नागरिकों को समानता का अधिकार है. इस विज्ञापन के अनुसार, यदि भर्ती पूरी हो जाती है, तो बहुत अधिक मेरिट होने के बावजूद महिलाएं बाहर हो जाएंगी और बहुत कम मेरिट होने के बावजूद पुरुषों का चयन हो जाएगा।

पिछले साल गोपिका नायर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने समानता के भेदभाव को लेकर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी और केंद्र ने आश्वासन दिया था कि भर्ती बिना लैंगिक भेदभाव के की जाएगी. लेफ्टिनेंट कर्नल नितिशा और अन्य के खिलाफ केंद्र सरकार का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया जहां महिलाओं को शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों को नियमित करने के अधिकार से वंचित कर दिया गया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के खिलाफ फैसला सुनाया. याचिकाकर्ता ने कहा कि उस मामले में अप्रत्यक्ष भेदभाव था, लेकिन 89 फीसदी आरक्षण महिलाओं के खिलाफ प्रत्यक्ष भेदभाव है.

हरियाणा न्यूज डेस्क​।। 

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