
बिहार न्यूज़ डेस्क सरकारी अस्पतालों में एसएनसीयू की सुविधा नवजातों को जीवनदान दे रहा है डुमरांव अनुमंडल अस्पताल और सदर अस्पताल म़ें यह सुविधा मिल रही है पहले यह सुविधा सरकारी अस्पतालों में नहीं थी जिससे नवजातों की मृत्यु दर जहां अधिक थी वहीं, निजी क्लीनिकों में मरीजों का आर्थिक दोहन हो रहा था
सदर में मिल रही बेहतर सुविधा सदर अस्पताल में एसएनसीयू से नवजातों को सुविधा मिल रही है अस्पताल प्रबंधक दुष्यंत कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में 12 रेडियेंट वार्मर और 4 फोटो थेरेपी की मशीन उपलब्ध है
कमजोर पैदा होने वाले बच्चों को इस वार्ड में चिकित्सक की राय के अनुसार रखा जाता है आंकड़ों के अनुसार फरवरी माह में एसएनसीयू में 49 बच्चे एडमिट हुए थे जिसमें छह को रेफर किया गया था जबकि, एक बच्चे की मौत हो गई थी वहीं, एक बच्चा लामा यानि लिव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस हुआ था पिछले अप्रैल माह में 71 बच्चे एडमिट हुए थे जिसमें एक बच्चे की मृत्यु हुई थी जबकि एक लामा हो गया था स्वास्थ्य प्रबंधक का कहना है कि यहां और बेहतर सुविधा देने की दिशा में पहल हो रही है
हर माह पंद्रह बच्चे हो रहे एडमिट डुमरांव अनुमंडल अस्पताल के एनबीएसयू में हर माह 15 से 20 बच्चे एडमिट हो रहे हैं लेकिन, यहां चाईल्ड स्पेशलिस्ट के अभाव में बच्चों के इलाज में परेशानी हो रही है विशेष परिस्थिति म़ें मरीजों को निजी क्लीनिक में जाना पड़ता है अनुमंडल अस्पताल उपाधीक्षक डॉ.गिरीश सिंह ने बताया कि अस्पताल के एनबीएसयू में 5 रेडियेंट वार्मर और 2 फोटो थेरेपी मशीन है यहां ए ग्रेड नर्स उमा कुमारी और सोनी कुमारी को तैनात किया गया है उपाधीक्षक ने बताया कि ढाई किलोग्राम से कम वजन वाले कमजोर बच्चों को इलाज के लिए भर्ती लिया जाता है पीलिया के लक्षण वाले बच्चों को फोटो थेरेपी मशीन पर रखा जाता है उपाधीक्षक ने बताया कि एनबीएसयू की सुविधा बहाल होने से बच्चों की मृत्यु दर में कमी आाई है
बक्सर न्यूज़ डेस्क