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Buxar जिले के अस्पतालों में कुव्यवस्था उपाधीक्षकों से मांगा स्पष्टीकरण

Patna  अतिरिक्त राशि नहीं देने पर मांगा स्पष्टीकरण

बिहार न्यूज़ डेस्क सदर व अनुमंडल अस्पतालों की कुव्यवस्था पर डीएम अंशुल अग्रवाल सख्त ने कड़ा रुख अपनाया है. दोनों अस्पतालों के उपाधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा है. डीएम से सिविल सर्जन सुरेशचन्द्र श्रीवास्तव से कहा है कि लगातार फोन व जनप्रतिनिधियों के माध्यम से यह शिकायत मिल रही है कि सदर व डुमरांव अनुमंडल अस्पताल में काफी कुव्यवस्था है.

कहा है कि रोस्टर के अनुसार डॉक्टर ड्यूटी नहीं करते हैं. कम्प्यूटर ऑपरेटरों की प्रतिनियुक्ति कम होने से मरीजों का भीड़-भाड़ होती है. डीएम ने यह भी कहा है कि लगातार शिकायत मिल रही है कि अस्पताल में ओपीडी के दौरान दलाल सक्रिय है. जो मरीज व उनके परिजनों को बहला-फुसलाकर कोई भी जांच कराने के लिए निजी पैथोलॉजी या निजी एक्स-रे के साथ दवाईयों के लिए निजी दुकानों पर ले रहे है. जहां गरीब मरीजों का जमकर आर्थिक शोषण होता है. अक्सर कुव्यवस्था की वजह से विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो रही है.

राजनीतिक दल अस्पताल की कुव्यवस्था को बना सकते है मुद्दाडीएम ने कहा है कि आगामी एक जून को लोकसभा चुनाव होना है. सभी राजनीतिक दल सक्रिय है. ऐसे में अस्पतालों की कुव्यवस्था का मुद्दा बनाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. अस्पताल की महत्वपूर्ण संरचनाओं में सुधार हेतु कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. इसके लिए कोई कार्य योजना नहीं बनायी जा रही है. जिससे आम जनता के बीच स्वास्थ्य अधिकारियों व जिला प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है. इन दोनों महत्वपूर्ण अस्पताल में आये मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. डीएम ने इस संबंध में सदर अस्पताल के डीएस संजय कुमार व डुमरांव अनुमंडल अस्पताल के डीएस डॉ गिरिश कुमार से स्पष्टीकरण की मांग की है. हालांकि सिविल सर्जन डॉ सुरेशचंद्र ने बताया कि डीएम के आदेश के तहत डुमरांव अनुमंडल अस्पताल उपाधीक्षक डॉ गिरिश कुमार का वेतन भी बंद कर दिया गया है.

 

 

बक्सर न्यूज़ डेस्क 

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