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Buxar सूबे के दो एक्सप्रेस-वे निर्माण का मास्टर प्लान तैयार

पटना मेट्रो के डिपो निर्माण के लिए 75.945 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के प्रस्ताव को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने मंजूरी दे दी है। विभाग का भू-अर्जन निदेशालय जल्द ही इसकी प्रारंभिक अधिसूचना जारी करेगा। भू-अर्जन अधिनियम के तहत राजपत्र, समाचार पत्र, स्थानीय निकायों के सूचना पट्ट और सरकारी वेबसाइट पर इसे प्रकाशित कराया जाएगा। दरअसल 50 एकड़ से कम भूमि के अधिग्रहण की मंजूरी डीएम द्वारा, जबकि उससे अधिक की मंत्री स्तर से दी जाती है।  पटना सदर अंचल के पहाड़ी और रानीपुर मौजा में जमीन अधिग्रहण होना है। पहाड़ी में 50.59 एकड़ और रानीपुर में 25.35 एकड़ जमीन की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि भू-अर्जन का काम सरकार की प्राथमिकता में है। ज्यादा जरूरी परियोजनाओं को व्यक्तिगत रुचि लेकर निष्पादित किया जाता है ताकि भू-अर्जन की वजह से किसी परियोजना में विलंब नहीं हो।  रोहतास-कैमूर के 28 मौजों में चकबंदी पूरी  मंत्री ने बताया कि रोहतास और कैमूर जिले के 28 मौजों में चकबंदी पूरी हो गई है। डिनोटिफिकेशन के साथ ही इन मौजों का खतियान और नक्शा संबंधित अंचल को सौंप दिया जाएगा और आगे से उन अंचलों का काम चकबंदी खतियान और नक्शे के आधार पर ही होगा। इससे पहले उन सभी 28 मौजों की जहां चकबंदी पूरा हो गया है कि गहन जांच रोहतास जिला के चकबंदी उपनिदेशक से कराई गई।  मंत्री ने गुरुवार को ही रोहतास जिले के 22 मौजों में चकबंदी को समाप्त घोषित किया है। हालांकि अन्य 6 मौजों में सुनवाई का काम पूरा नहीं होने और इनमें से दो मौजों में चक के मुताबिक दखल कब्जा नहीं होने की वजह से डिनोटिफाई नहीं किया जा सका है।  पटना के फतुहा व धनरुआ प्रखंड से गुजरेगा औरंगाबाद से दरभंगा जाने वाला एक्सप्रेस-वे भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले एनएच-119डी का निर्माण कार्य पटना जिले में नवंबर से होगा। औरंगाबाद के आमस से दरभंगा जाने वाला यह एक्सप्रेस-वे पटना जिले के दो प्रखंडाें से गुजरेगा। इनमें फतुहा और धनरूआ प्रखंड शामिल हैं। इन दोनों प्रंखडाें के 12 मौजा की 205.26 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा।  जिला भू-अर्जन पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने कहा कि किसानों को नोटिस जारी किया जा रहा है। इन किसानों को आवेदन मिलने पर मुआवजे का भुगतान शुरू किया जाएगा। इसके लिए 123.24 करोड़ की राशि मिली है। किसानों काे खाते के माध्यम से भुगतान हाेने के बाद एनएचएआई को जमीन हस्तांतरित हाेगी।  भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना है। इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा जो अबतक अधूरी हैं। नेशनल कॉरिडोर्स को ज्यादा बेहतर बनाना है। इसके अलावा पिछड़े इलाकों, धार्मिक और पर्यटक स्थल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाना है।

बिहार न्यूज़ डेस्क बिहार के दो एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. केन्द्र सरकार ने गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी और रक्सौल हल्दिया एक्सप्रेस-वे का मास्टर प्लान तैयार कर राज्य सरकार से मंतव्य मांगा है. फिलहाल दोनों एक्सप्रेस-वे का निर्माण एनएचएआई की ओर से प्रस्तावित है. हालांकि, बिहार चाहती है कि अगर केन्द्र सरकार सहमति दे तो राज्य सरकार ही एक्सप्रेस-वे का निर्माण करे. दोनों एक्सप्रेस-वे को लेकर केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के महानिदेशक डी षाडंगी की ओर से बिहार को पत्र भेजा गया है.

पत्र में कहा गया है कि विजन 2047 के तहत देश में हाईस्पीड कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है. पहले चरण में 18 हजार 200 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है. देश के समतल इलाकों में एनएचएआई की ओर से सड़क का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है. इसलिए राज्य सरकार अपने यहां की परियोजनाओं पर पक्ष भेजे ताकि एक्सप्रेस-वे के निर्माण का कार्य शुरू किया जा सके. केन्द्र की ओर से भेजे गए पत्र के आलोक में राज्य सरकार ने जवाबी पत्र तैयार कर लिया है. बिहार का मानना है कि राज्य सरकार को अगर मौका दिया गया तो वह एक्सप्रेस-वे का निर्माण करा सकती है. चूंकि जमीन अधिग्रहण से लेकर निर्माण की प्रक्रिया बिना राज्य सरकार की भूमिका के संभव नहीं है. एनएचएआई की ओर से निर्माण किए जाने पर दोहरी निगरानी के कारण परियोजना में देरी हो सकती है. जबकि अगर राज्य सरकार को मौका मिले तो वह आसानी से सड़क का निर्माण करा लेगी. वैसे भी पथ निर्माण विभाग के पास प्रशिक्षित इंजीनियरों की टीम व अन्य साधन-संसाधन उपलब्ध हैं जो नेशनल हाई-वे का निर्माण कर सकते हैं. पथ निर्माण विभाग पिछले तीन वर्षों में 500 करोड़ की परियोजनाओं को पूरा कर चुका है.

उत्तरप्रदेश से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेस-वे बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल में समाप्त होगा. इस एक्सप्रेस-वे की एक खासियत यह भी है कि इसका गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ाव हो जाएगा. इस तरह पानीपत से गोरखपुर होते हुए किशगंज और सिल्लीगुड़ी तक इसका सीधा जुड़ाव हो जाएगा. गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी हाईस्पीड कॉरिडोर पश्चिम चंपारण, पूर्वी चम्पारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिलों से होकर गुजरेगी.

 

 

बक्सर न्यूज़ डेस्क 

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