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Buxar पप्पू पर्यावरण मित्र बन सांपों से बचा रहे लोगों की जान

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारतीय हिमालयी क्षेत्र की वहन क्षमता निर्धारित करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने सुझाव दाखिल किए हैं।  केंद्र ने सुझाव दिया कि सभी 13 हिमालयी राज्यों को समयबद्ध तरीके से वहन क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए कार्रवाई रिपोर्ट और कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जा सकता है।  केंद्र सरकार ने जी.बी. पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान द्वारा तैयार दिशानिर्देशों के अनुसार बहु-विषयक अध्ययन करने के लिए संबंधित राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति के गठन और उसमें अन्य सदस्यों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा।  इसने हिमालयी राज्यों द्वारा तैयार किए गए वहन क्षमता अध्ययनों की जांच या मूल्यांकन करने और कार्यान्वयन के लिए संबंधित राज्यों को अपनी रिपोर्ट भेजने के लिए एक तकनीकी समिति के गठन के निर्देश मांगे।  उत्तराखंड के जोशीमठ में हाल के दिनों में जमीन के फटने और धंसने जैसी समस्‍याओं की पृष्ठभूमि में भारतीय हिमालयी क्षेत्र की
 

बिहार न्यूज़ डेस्क बखरी के रहने वाले पप्पू पासवान पर्यावरण मित्र बनकर लोगों की सांप जैसे जहरीले जानवरों से रक्षा कर रहे हैं. उनका मकसद लोगों की जान बचाना ही नहीं पर्यावरण मित्र बनकर जीवों को संरक्षण देना भी है, जो जीव जिस वातावरण या परिवेश के लिए बनाए गए हैं, उन्हें वहां तक पहुंचाना भी उनका उद्देश्य है. बखरी नगर परिषद इलाके के वार्ड-छह निवासी 27 वर्षीय पप्पू पासवान ने पढ़ाई-लिखाई तो नहीं की, लेकिन कुछ अलग करने का उनमें जज्बा है. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में जन्म लेने की वजह से जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है. छोटा-मोटा व्यवसाय कर अपने जीवन यापन करने वाले पप्पू समाज में नजीर पेश कर रहे हैं. उन्होंने दो साल में 800 से 900 सांपों को पकड़कर लोगों की जान बचाई है. हर दिन 10 से 15 सांप वह पकड़ते हैं. पप्पू पासवान ने बताया कि इस काम में उनके सहयोगी पांडव कुमार की भी मदद मिलती है. वह करैत, धामन, अदसर, शाखर, वाइट कोवरा समेत कई प्रजातियों की सांप पकड़ चुके हैं. इनमें कई 8 से 9 फीट तक लंबे थे.

सांप ही नहीं, तेंदुए और गीदड़ भी पकड़ते हैं
बखरी ही नहीं आसपास के सीमावर्ती खगड़िया व समस्तीपुर जिले से भी लोग सांपों को पकड़ने के लिए पप्पू से संपर्क करते हैं. उन्होंने अपना खुद का हेल्पलाइन बनाया है. 9905076055, 8969388759 नंबर जारी किए हैं. इनका दावा है कि वह तेंदुए व गीदड़ को भी आसानी से पकड़ सकते हैं. इसलिए लोगों से अपील की है कि किसी भी जानवर को मारें नहीं. बस उन्हें फोन कर दें. उनका कहना है कि यह प्रकृति सबके लिए हैं और इस पर सबका समान अधिकार है.
पतली लोहे की छड़ का इस्तेमाल करते हैं
सांपों का पकड़ने के लिए केवल एक पतला सा लोहे की छड़ का प्रयोग पप्पू करते हैं. पकड़े गए सांपों को वे मंझौल के जयमंगलागढ़ के जंगलों में छोड़ देते हैं. जब सांप 20 या 30 की संख्या में जमा हो जाते हैं तो उन्हें एक साथ जंगल में छोड़ा जाता है. सांप पकड़ने के लिए वह लोगों से पैसे भी नहीं लेते हैं. कहते हैं कि अगर सरकारी स्तर पर उन्हें कुछ सामग्री उपलब्ध करा दी जाए और वन विभाग द्वारा मदद मिल जाए, तो वह लोगों की मदद और भी अच्छे तरीके से कर सकते हैं.


बक्सर न्यूज़ डेस्क 
 

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