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Bilaspur में बेसहारा गोवंशियों को गो अभयारण्य में मिलेगा आशियाना

छत्तिसगढ न्यूज डेस्क।।

बिलासपुर न्यूज डेस्क।।  बिलासपुर के कोटा ब्लॉक स्थित जोगीपुर में गौ अभ्यारण्य विकसित किया जा रहा है। यहां सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा मवेशियों को रखा जाएगा। निर्माण शुरू हो गया है. इसे नवंबर में पूरा करने का लक्ष्य है। मवेशियों को सुरक्षित आश्रय उपलब्ध कराने से इससे होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है।

निराश्रित, बीमार और नि:शक्त पशुओं के संरक्षण के लिए बिलासपुर और कबीरधाम जिले में गौ-अभयारण्य निर्माण की मंजूरी दी गई है। दरअसल, राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में मवेशियों की मौत और गौ तस्करी के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह योजना लागू की गई है. अभयारण्य में पशुओं के लिए चारागाह भी बनाया जा रहा है। पशु संरक्षण के साथ-साथ पशु चिकित्सकों की भी नियुक्ति की जाएगी जो नियमित रूप से पशुओं की जांच करेंगे। हम बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय भी करेंगे।' जल आपूर्ति के लिए अभयारण्य में सोलर पंप और बोरवेल भी लगाए गए हैं।

क्षेत्रफल 154 एकड़ होगा

कोटा ब्लॉक के जोगीपुर में 154 एकड़ भूमि पर विशाल गौ अभ्यारण्य विकसित किया जा रहा है। यहां जानवरों को नया आश्रय तो मिलेगा ही, सुरक्षा के लिहाज से 14 लाख की लागत से शेड भी बनाया जा रहा है. प्रकृति की गोद में नदियों और पहाड़ों के बीच बने इस अभयारण्य में सरकार जानवरों को उन्नत नस्ल में विकसित करने पर भी काम करेगी।

कवर्धा में 82 एकड़ में होगा निर्माण

कवर्धा जिले के सरेखा गांव में गौ अभ्यारण्य बनाने के लिए 82 एकड़ जमीन चिन्हित कर काम शुरू कर दिया गया है. अधिकारियों की मानें तो अभयारण्य के विस्तार की योजना पर भी काम चल रहा है.

छत्तिसगढ न्यूज डेस्क।। 

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